पिंगलाघर में युवती के गर्भवती होने की जांच शुरू, पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट कब्जे में ली
जालंधर के पिंगलाघर में एक मानसिक रोगी युवती के गर्भवती होने के मामले की जांच शुरू कर दी गई है। युवती की गर्भवती होने के बाद शादी करा दी गई थी।
जेएनएन, जालंधर। पिंगलाघर (अनाथआश्रम) में 22 वर्षीय मानसिक रोगी युवती के गर्भवती होने के बाद उसकी शादी अधेड़ व्यक्ति से कराने के मामले की जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए छह सदस्यों की जांच कमेटी का गठन कर तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। इसके बाद पिंगलाघर पहुंचे जांच कमेटी के सदस्यों ने मानसिक रोगी गर्भवती युवती की मेडिकल रिपोर्ट कब्जे में ले ली है।
शाहकोट की एसडीएम नवनीत कौर बल के नेतृत्व में पिंगलाघर पहुंचे जांच कमेटी सदस्यों ने पिंगलाघर के महिला वार्डों का दौरा किया और स्टाफ से पूछताछ कर इनपुट हासिल किए। वहीं पीडि़ता के मेडिकल और अन्य रिकॉर्ड भी कब्जे में ले लिए। इस दौरान सिविल अस्पताल की महिला डाक्टर भी उनके साथ थी।
नवनीत कौर बल ने कहा कि पीडि़ता का मेडिकल रिकॉर्ड और मेडिकल हिस्ट्री महत्व रखती है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि पीडि़ता को मानसिक रोग संबंधी दवाइयां भी दी जाती थी। इन दवाइयों के संबंध में किसी मनोचिकित्सक से राय ली जाएगी। वहीं, मामले के हर पहलू की जांच करते समय मामले से जुड़े हर व्यक्ति से पूछताछ करके सच्चाई सामने लाई जाएगी।
गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में इस मामले का पर्दाफाश किया था। बताया था कि पिंगलाघर में एक मानसिक रोगी युवती के गर्भवती होने के बाद वहां के प्रबंधन ने गुपचुप तरीके से करीब दस साल से वहीं रह रहे एक अधेड़ मानसिक रोगी से किस तरह उसकी शादी करवा दी। इस खुलासे के बाद मंगलवार को डिप्टी कमिश्नर वङ्क्षरदर कुमार शर्मा ने इस मामले का संज्ञान लेकर अधिकारियों की बैठक बुलाई और जांच कमेटी गठित कर दी। डीसी वरिंदर कुमार शर्मा ने कहा कि पीडि़ता बिना किसी हिचक और दबाव के आपबीती बयां कर सके, इसलिए महिला एसडीएम को जांच का नेतृत्व सौंपा गया है। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
-----
मैैं तो युवती को जानता भी नहीं था: फूलकांत
पिंगलाघर में जिस अधेड़ मानसिक रोगी फूलकांत से दिव्यांग गर्भवती युवती की शादी करवाई गई है, वह उसे जानता ही नहीं था। फूलकांत का कहना है कि उसे मालूम ही नहीं था कि उसकी दुल्हन गर्भवती है। फूलकांत के मुताबिक 8 अगस्त को हुई शादी से पहले उसने कभी लड़की को देखा भी नहीं था। वह बलदेव (पिंगलाघर का पुराना कर्मचारी) और गुरप्रीत सिंह (मैनेजर) के कहने पर ही शादी के मंडप में बैठा था।
दरभंगा में है फूलकांत की पहली पत्नी
फूलकांत ने बताया कि वह मूलरूप से थाना कमतोल, पोस्ट मिजगामा, जिला दरभंगा (बिहार) का रहने वाला है। वहां उसकी पत्नी इंदू और एक बेटा भी है। घर पर एक बहन व बहनोई भी रहते हैैं। करीब 15 साल पहले वह काम की तलाश में जालंधर आया था और यहां एक कंबल फैक्टरी में काम करने लगा। वहां उसकी आंखों की रोशनी चली गई तो उसे पिंगलाघर भेज दिया गया। यहां आपरेशन करवाया गया तो आंखों की रोशनी लौट आई।
---
फूलकांत के साथ देखा था युवती को इसलिए कर दी शादी
पिंगलाघर के मैनेजर गुरप्रीत ने कहा कि युवती को एक-दो बार फूलकांत के साथ देखा गया था। इस वजह से उन्हें लगा कि दोनों में संबंध हैं। इललिए उनकी शादी करवा दी।
परिवार से कोई नहीं आया इसलिए करवा दी शादी
पिंगलाघर में 'डॉक्टर' के नाम से जाने जाते राज कुमार का ने कहा कि इतने सालों में फूलकांत से मिलने के लिए दरभंगा से कोई नहीं आया। इसीलिए उसकी शादी करवाना उचित समझा।