डेंगू की दहशत फैलाने वाले निजी डॉक्टरों पर नजर रखेगी आइएमए
संवाददाता, जालंधर : डेंगू पनपते ही लोगों में दहशत और अस्पतालों की लॉटरी लगने लगती है। मरीजों को खौफ
संवाददाता, जालंधर : डेंगू पनपते ही लोगों में दहशत और अस्पतालों की लॉटरी लगने लगती है। मरीजों को खौफ के साय में रह कर मंहगे इलाज से जेब कटवानी पड़ती है। मरीजों के दिलों से डेंगू की दहशत को खत्म करने व आर्थिक नुकसान बचाने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने पहलकदमी की है। इसके लिए आइएमए ने कमेटियों का गठन कर रणनीति तैयार की है। आइएमए के प्रधान डॉ. मुकेश गुप्ता ने बताया ने बताया कि डेंगू के मरीजों को किन हालत में अस्पताल में दाखिल करना और प्लेटलेट्स देने व सरकारी नीतियों को लागू करवाने के लिए सलाहकार कमेटी गठित की गई है। इसके चेयरमैन डॉ. राजप्रीत ¨सह होंगे और उनके साथ डॉ. ऋषि आर्य व डॉ. तरुण अग्रवाल रहेंगे। डेंगू की वजह से दहशत फैलाने वाले निजी डॉक्टरों पर भी नजर रहेगी। लोगों को डेंगू प्रति जागरूक करने के लिए गठित कमेटी का चेयरमैन डॉ. एमबी बाली को बनाया गया है। उनके साथ डॉ. टीएल चोपड़ा डॉ. रजनीश कुमार व डॉ. तरुण सहगल होंगे। कमेटी हर रविवार को कार्यक्रम कर लोगों को कूलर व घर में बने बगीचे की साफ-सफाई रखने के लिए जागरूक करेंगे। लेबोरेटरियों के डॉक्टरों को प्लेटलेट्स काउंट की दोहरी जांच करने की सलाह दी गई है ताकि रिपोर्ट को लेकर मरीजों में किसी प्रकार का भ्रम न रहे। उन्होंने डेंगू की पुष्टि करने वाले सरकारी टेस्ट को तरजीह देने की बात कही ताकि डेंगू का सही आंकड़ा व इलाज की नीति तैयार की जा सके। उन्होंने लोगों को भी माहिर डॉक्टर से इलाज करवाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नीतियों के खिलाफ जाने वाले डॉक्टरों को आइएमए समर्थन नहीं देगी।