Jalandhar Politics: नए ढांचे के गठन से पहले अकाली दल में बढ़ा टकराव, कई नेता कर सकते हैं किनारा
अकाली दल जिला प्रधान कुलवंत सिंह मन्नण और पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ में आजकल दुआ सलाम नहीं होती। दो मौकों पर उनका विवाद सार्वजनिक रूप से सामने आ चुका है।
जालंधर, जेएनएन। जिला भाजपा में बिखराव के बाद अब शिरोमणि अकाली दल में भी ऐसे ही हालात पैदा होते जा रहे हैं। दल में सीनियर नेताओं में नाराजगी बढ़ रही है और आने वाले दिनों में पार्टी से कई नेता किनारा कर सकते हैं। शहर में इन दिनों पार्टी दो हिस्सों में बटी हुई है। जिला अकाली दल के प्रधान कुलवंत सिंह मन्नन एक गुट का नेतृत्व कर रहे हैं तो दूसरा गुट पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ की अगुवाई में अलग ट्रैक पर चल रहा है।
सीनियर नेता और कई वर्षों तक जालंधर अकाली दल को एकजुट रखने वाले गुरचरण सिंह चन्नी पिछले विधानसभा चुनाव से पहले ही पार्टी से अलग हो चुके हैं। वह अब सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा की अध्यक्षता वाले शिरोमणि अकाली दल के साथ काम कर रहे हैं।
मक्कड़ बनाम मन्नण से अंतर्कलह बढ़ी
पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ और जिला प्रधान मन्नण में इस समय 36 का आंकड़ा चल रहा है। एक ही मंच पर मौजूदगी के बावजूद भी उनमें दुआ सलाम नहीं होती। दो मौकों पर तो इनका विवाद सार्वजनिक रूप से सामने आ चुका है। पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ को जिला अकाली दल की तरफ से प्रोग्रामों की सूचना तक नहीं दी जाती है। इधर, सुखदेव सिंह ढींडसा से जुड़े नेता अकाली दल के नेताओं को तोड़ने के हर मौका तलाश रहे हैं। शिअद के कई नेता गुरचरण सिंह चन्नी के संपर्क में भी हैं और आने वाले दिनों में पार्टी से किनारा कर सकते हैं।
बीसी विंग के प्रधान अमरजीत सिंह किशनपुरा ने पार्टी कार्यक्रमों से बनाई दूरी
जिला अकाली दल के प्रधान जत्थेदार कुलवंत सिंह मन्नण के करीबी माने जाते रहे बीसी विंग के जिला प्रधान अमरजीत सिंह किशनपुरा ने इस समय पार्टी प्रोग्रामों से दूरी बनाई हुई है। दो दिन पहले पंजाब सरकार के खिलाफ दलितों के मुद्दों को लेकर हुए प्रदर्शनों में किशनपुरा शामिल नहीं हुए। बताया जा रहा है कि बीसी विंग की नई तैयार की जा रही टीम में अनदेखी से वह नाराज हैं। चर्चा है कि पार्टी अमरजीत को साइडलाइन करके सीनियर नेताओं को आगे लाने की तैयारी में है। इधर, इस मुद्दे पर अमरजीत सिंह किशनपुरा ने कहा कि पार्टी में वैचारिक मतभेद चलते रहते हैं लेकिन ऐसे मुद्दे पार्टी के बीच ही हल कर लिए जाते हैं।