ओटीएस और बिजली दरों में कटौती से इंडस्ट्री को मिलेगी राहत, पंजाब सरकार बुधवार कर सकती है घोषणाएं
कांग्रेस सरकार इंडस्ट्री के लिए कुछ राहत भरी घोषणाएं कर सकती है। बीते कल पंजाब के विभिन्न शहरों से संबंधित इंडस्ट्री प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री वित्त मंत्री एवं उद्योग मंत्री से चंडीगढ़ में मुलाकात की थी और उसमें इंडस्ट्री से जुड़े मसलों समस्याओं एवं मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपे थे।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। साढे़ चार वर्ष तक इंडस्ट्री को नजरअंदाज किए जाने के आरोप झेलने वाली पंजाब की कांग्रेस सरकार इंडस्ट्री के लिए कुछ राहत भरी घोषणाएं कर सकती है। इंडस्ट्री की मांगों और समस्याओं की फेहरिस्त तो खासी लंबी है, लेकिन उनमें से कुछ पर घोषणाएं करने के लिए पंजाब सरकार लगभग तैयारी कर चुकी है। संभवत: बुधवार को इस संबंध में घोषणाएं हो सकती हैं। बीते कल ही पंजाब के विभिन्न शहरों से संबंधित इंडस्ट्री प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री एवं उद्योग मंत्री से चंडीगढ़ में मुलाकात की थी और उसमें इंडस्ट्री से जुड़े मसलों समस्याओं एवं मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपे थे।
इसी बैठक के दौरान सरकार एवं सरकारी मशीनरी की तरफ से कुछ ऐसे संकेत दिया गया है कि सरकार कुछ राहत देने के लिए लगभग तैयार हो चुकी है और घोषणा होनी ही बाकी है। बैठक में हुए विचार-विमर्श के बारे प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक सरकार सी फार्म के पेंडिंग केसों के हाल के लिए वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम (ओटीएस) लाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। इससे पहले वर्ष 2013-14 के लिए ओटीएस लाई गई थी, लेकिन व्यापारी एवं उद्योगपति वर्ग बाकी बचते साढे़ तीन वर्ष के लिए भी ओटीएस लाने की मांग कर रहे थे। इसके अलावा बैठक में कुछ ऐसे संकेत भी मिले हैं कि इंडस्ट्री को दी जाने वाली बिजली की दरों में भी कुछ कटौती की जा सकती है। हालांकि यह कटौती कितने प्रतिशत होगी और कब से लागू होगी। यह घोषणा करने के वक्त ही पता चल सकेगा।
मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में व्यापार एवं उद्योग जगत के मसले उठाने वाले व्यापार सेना पंजाब के कन्वीनर रविंदर धीर ने कहा कि अब मात्र 2 महीने बाकी बचे हैं और सरकार को मजबूरी में ही इंडस्ट्री को राहत देनी होगी। उन्होंने कहा कि हालांकि बैठक में एनहांसमेंट का मसला, नए फोकल प्वाइंट देने का मसला भी जोर शोर से उठाया गया है, जिसके लिए सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए, लेकिन ओटीएस और बिजली की दरों में कटौती की संभावना नजर आ रही है।