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जेड स्कीम के मानकों पर खरी नहीं उतर रही इंडस्ट्री

कमल किशोर, जालंधर : केंद्र सरकार के क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से चलाई जा रही जेड स्कीम (जीरो

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 01:13 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 01:13 PM (IST)
जेड स्कीम के मानकों पर खरी नहीं उतर रही इंडस्ट्री
जेड स्कीम के मानकों पर खरी नहीं उतर रही इंडस्ट्री

कमल किशोर, जालंधर : केंद्र सरकार के क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से चलाई जा रही जेड स्कीम (जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट) के अनुसार जालंधर की इंडस्ट्री स्कीम के मानकों पर खरी नहीं उतर पा रही है। जेड स्कीम से जुड़ने के बाद केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी व अन्य सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं।

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जिला उद्योग केंद्र शहर के उद्यमियों को स्कीम से अवगत करवा रहा है लेकिन स्कीम का लाभ नहीं ले रहे हैं। स्कीम के तय मानक तक इंडस्ट्री नहीं पहुंच पा रही। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने स्कीम के तहत 22,222 इंडस्ट्री की फ्री रजिस्ट्रेशन करनी है। राज्य की बात करें तो लुधियाना में 625 व जालंधर में 480 उद्योगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। जालंधर में 30,000 छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। प्रदेश में मात्र जालंधर की एक इंडस्ट्री पूरे राज्य जेड स्कीम के मानक पर उतरी है। केंद्र सरकार ने जेड स्कीम के लिए 491 करोड़ रुपये का बजट रखा है।

जेड स्कीम से जुड़ने से लिए यह मानक पूरे करने होंगे इंडस्ट्री को

जेड स्कीम से जुड़ने के लिए इंडस्ट्री को लेबर संबंधी, वातावरण, सोशल एस्पेक्ट, क्वालिटी, एनर्जी, वाटर सप्लाई संबंधी मानक पूरे करने होते हैं। स्कीम को शुरू हुए पांच महीने हो चुके हैं। जिला उद्योग केंद्र इंडस्ट्री को मानक पूरे करने के लिए कह रही है। अवेयरनेस कैंप लगाए जा रहे हैं। मानक पूरे करने पर इंडस्ट्री को लाभ मिलेगा।

जेड स्कीम से जुड़ने के बाद इंडस्ट्री को ये मिलेंगी सुविधाएं

-आरबीआइ से ऋण प्राप्त करते हैं तो ब्याज दर में कमी होगी

-गवर्नमेंट ऑफ इंडिया वेंडर की पहचान करेगी

-सरकार को स्थाई सप्लायर मिल जाएंगे

-इंडस्ट्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विदेशी बॉयर से टाइअप कर सकेगी

-केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी मिलेगी

-क्वालिटी इंप्रूव होगी

-वूमन इंटरप्राइजेज को पांच प्रतिशत अलग से सब्सिडी मिलेगी पांच स्टेज से गुजरना होगा उद्यमी को

जेड स्कीम से जुड़ने के लिए उद्यमियों को पांच स्टेज से गुजरना होगा। पांच स्टेज रजिस्ट्रेशन, सेल्फ असेसमेंट, डेस्क टॉप मूल्यांकन, साइट विजिट, स्टडीफिकेशन असेसमेंट। तीसरी स्टेज पर उद्यमी को फीस का भुगतान करना होगा।

फीस में मिलेगा इंडस्ट्री को लाभ

-सेल्फ असेसमेंट स्टेज पर माइक्रो इंडस्ट्री को 80 प्रतिशत, स्माल इंडस्ट्री को 60 प्रतिशत व मीडियम इंडस्ट्री को 50 प्रतिशत की सब्सिडी

-डेस्क टॉप स्टेज फीस 80,000 रुपये। माइक्रो 80 प्रतिशत, स्माल-60 प्रतिशत, मीडियम पर 50 फीसद की सब्सिडी

-फाइनल रिपोर्ट की फीस 1.90 लाख। माइक्रो 80 प्रतिशत, स्माल-60 प्रतिशत, मीडियम पर 50 फीसद की सब्सिडी


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