जालंधर में धार्मिक स्थल देंगे पराली न जलाने का संदेश, गांवों में प्रसारित होगा विशेष ऑडियो मैसेज
मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. सुरिंदर सिंह ने कहा कि जिले में पराली को आग लगाने से रोकने के लिए गांवों की पंचायतों और नंबररदारों को पराली जलाने से उठने वाले धुएं के कारण होने वाले नुकसान और कोविड-19 के मरीजों को होने वाली मुश्किलों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
जालंधर, जेएनएन। पराली को आग लगाने से पैदा होने वाली जहरीली गैसों से वातावरण को बचाने के लिए कृषि व किसान भलाई विभाग ने विशेष जागरूकता मुहिम की शुरुआत की है। इसके लिए गांवों में धार्मिक स्थलों से रोजाना ऑडियो संदेश प्रसारित करने की तैयारी है। सरपंचों और पंचायत सदस्यों को इस जागरूकता मुहिम का हिस्सा बनाया जाएगा।
मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. सुरिंदर सिंह ने बताया कि जिले में धान की पराली को आग लगाने से रोकने के लिए गांवों की पंचायतों और नंबररदारों को पराली जलाने से उठने वाले धुएं के कारण होने वाले नुकसान और कोविड-19 के मरीजों को होने वाली मुश्किलों के बारे में जागरूक किया जाएगा। सभी मिलकर अपने-अपने इलाके के किसानों को पराली नहीं जलाने के बारे जागरूक करेंगे। सुबह और शाम को गांवों के धार्मिक स्थलों से भी लोगों को जागरूक संदेश दिया जाएगा। इससे संबंधित डेढ़ मिनट का एक ऑडियो संदेश भी तैयार किया गया है।
जिला विकास और पंचायत अफसर करवाएंगे जागरूकता कार्यक्रम
इसे गांवों के सरपंचों के मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। साथ ही, गांवों के पब्लिक एड्रेस सिस्टम से भी प्रसारित किया जाएगा। इसके अलावा धार्मिक स्थलों के पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए भी इस जागरूकता संदेश का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिला विकास और पंचायत अफसर को हिदायत जारी की गई हैं। इसमें गांवों में जागरूकता प्रोग्राम करवाने के लिए कहा गया है। कार्यक्रम में कृषि विशेषज्ञ वेबिनार के माध्यम से शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि धान की पराली को आग लगाने कारण पैदा होने वाले धुएं से वातावरण और सेहत को बचाने के लिए विभाग की तरफ से हर संभव कदम उठाया जाएंगे। उन्होंने किसानों को पराली को आग लगाने की बजाय सुपर एसएमएस से लैस कंबाइन का प्रयोग करने और पराली का खेतों में सहज ढंग से निपटारा करने की बात कही।
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