सूर्या एंक्लेव के अलॉटियों के पीछे पड़ा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, 31,500 रुपये प्रति मरला वसूलने की तैयारी
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट सूर्या एंक्लेव के अलॉटियों के पीछे पड़ गया है। वह अलॉटियों से 31,500 रुपये प्रति मरला वसूली करने के लिए नोटिस भेजने की तैयारी में है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसानों को इन्हांसमेंट के 5 करोड़ रुपये देने, बैंक द्वारा डिफॉल्टर करार दिए जाने व उसकी जायदाद नीलाम करने के फैसले के बाद अब ट्रस्ट सूर्या एंक्लेव के अलॉटियों के पीछे पड़ गया है। वह अलॉटियों से 31,500 रुपये प्रति मरला के हिसाब से वसूली करने के लिए सरगर्म है। इस क्रम में लगभग 60-70 नोटिस तैयार कर लिए गए हैं, जो शुक्रवार तक भेजे जा सकते हैं। बता दें कि ट्रस्ट पर 250 करोड़ का कर्ज है।
ये नोटिस 20 मरले वाले अलॉटियों को जारी किए जाएंगे। सूर्या एंक्लेव में 4-20 मरले तक प्लॉट वाले 1380 व 2 मरले के दो मंजिला फ्लैट वाले 374 अलॉटी हैं। इनमें नीलामी से प्लॉट खरीदने वालों को इन्हांसमेंट से राहत दी गई है व उनसे वसूली नहीं होगी। इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की ईओ सुरिंदर कुमारी का कहना है कि नोटिस मिलने के दो सप्ताह के बाद भी रकम जमा न करवाने वालों को पुन: नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद 15 फीसद ब्याज भी वसूलेंगे। इसके बाद भी राशि न जमा करवाई तो प्लॉट जब्त करेंगे।
सूर्या एन्क्लेव कॉलोनी में दो सोसायटियों ने ट्रस्ट को तीन साल पहले आरटीआइ डाल कॉलोनी के खर्चे के हिसाब मांगा था। इसमें सूर्या एन्क्लेव वेलफेयर सोसायटी को ट्रस्ट ने जवाब तो भेजा लेकिन रिकार्ड नहीं दिखा पाए। दूसरा सूर्या एन्क्लेव रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन को तीन साल में कोई जवाब नहीं दिया गया। सोसायटी मेंबर का कहना है कि रजिस्ट्री और सुप्रीमकोर्ट के आदेश में कहीं नहीं लिखा कि इन्हांसमेंट राशि रेजीडेंट्स से ली जाए।
राजीव धमीजा ने बताया कि सोसायटी ने 21 अक्टूबर 2014 को तीन लोगों ने आरटीआई डाली थी। एक साल बाद जवाब आया, लेकिन अधूरा। फिर 12 जनवरी 2018 को सोसायटी के वाइस प्रेसीडेंट सतीश सोनी, वाइस चेयरमैन राजन महेंद्रू, जनरल सेक्रेटरी रोशन लाल और प्रवक्ता राजीव धमीजा ने आरटीआइ डाली। इसमें कॉलोनी में डवलपमेंट, चार्जेस, नान कंस्ट्रक्शन चार्जेस व कई अन्य सवाल पूछे थे। ट्रस्ट द्वारा गलत जवाब दिए गए।
रेजिडेंट्स को बेवजह बीच में लाया गया: सोनीप्रेसीडेंट सतीश सोनी ने बताया कि आरटीआइ में परचेज का जवाब दिया तो उसका आंकड़ा ही गलत बताया। एक साल लगातार आरटीआइ का फालोअप किया। इसके बाद अपील की और तीन महीने बाद जब जवाब आया वो भी अधूरा था। केस किसानों और ट्रस्ट के बीच था। रेजीडेंट्स को बेवजह बीच में ला खड़ा कर दिया है।
सही जवाब न देकर धोखा किया: राजन
वाइस प्रेसीडेंट राजन महेंद्रू ने बताया कि 21 अक्टूबर 2014 को जो तीन आरटीआइ डाली गई थी, उसमें तीन मेंबर थे। रोशन लाल, रंजीत विज, गुरबचन सिंह पाबला ने ट्रस्ट से जवाब मांगा था। आरटीआई के जवाब सही नहीं दिए गए। इससे साबित होता है कि ट्रस्ट कहीं न कहीं रेजीडेंटस के साथ धोखा कर रहा है।
इन्हांसमेंट राशि चाहिए तो जवाब दे ट्रस्ट : रोशन लाल
जनरल सेक्रेटरी रोशन लाल शर्मा ने बताया कि दोनों आरटीआइ का लगातार फालोअप किया गया तो ट्रस्ट ने 104 करोड़ का हिसाब दिया वे भी अधूरा। अगर ट्रस्ट उनसे इन्हासमेंट वसूलने जा रहा है तो पहले जवाब दे कि कॉलोनी में सेल परचेज में कितने पैसे कमाए हैं और कालोनी के पैसे कहां कहां लगे हैं।