मकसूदां सब्जी मंडी में फिर से लगने लगीं अवैध फड़ियां
सरकार बदलते ही मकसूदां सब्जी मंडी में एक बार फिर से अवैध फड़ियां लगने लगी हैं।
शाम सहगल, जालंधर
सरकार बदलते ही मकसूदां सब्जी मंडी में एक बार फिर से अवैध फड़ियां लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसे लेकर मकसूदां सब्जी मंडी में यूजर्स चार्जेस देकर रिटेल कारोबार करने वाले फड़ी संचालकों की यूनियन में भारी रोष है। मामले को लेकर यूनियन द्वारा शुक्रवार को मंडी बोर्ड को लिखित में शिकायत दी जाएगी। यूनियन का तर्क है कि मकसूदां सब्जी मंडी के पीछे बनी जगह पर विभाग द्वारा शेड बनाकर रिटेल फड़ियां लगाने के लिए जगह अलाट की गई है। वहां पर विभाग द्वारा ही वसूली की जा रही है। दूसरी तरफ फिर से अवैध रूप से फड़ियां लगाने का सिलसिला शुरू किया जा रहा है।
एशिया की नामी मंडियों में शुमार मकसूदां सब्जी मंडी में 90 के दशक से आक्शन फड़ पर अवैध रूप से रिटेल कारोबार के लिए फड़ियां लगाई जा रही थी। इस कारण मंडी में दिन भर भारी ट्रैफिक जाम तथा गंदगी फैलने के कारण पर्यावरण भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा था। ऊपर से अवैध फड़ियों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण करने में विभाग द्वारा लाखों रुपये भी खुद से खर्च किए जा रहे थे। इस बीच अवैध रूप से लगने वाली फड़ियों का विरोध किए जाने के बावजूद इसे हटाने में करीब 20 वर्ष लग गए थे। इसके बाद मकसूदां सब्जी मंडी में लगने वाली अवैध फड़ियों को पूरी तरह से हटा दिया गया था। वहीं सरकार बदलते ही अब फिर से अवैध फड़ियां लगाने की परंपरा शुरू की जा रही है। दोहरे मापदंड नहीं करेंगे स्वीकार : गुप्ता
रिटेल फड़ी संचालक यूनियन के प्रधान रवि शंकर गुप्ता ने कहा कि एक मंडी में दो तरह के मापदंड स्वीकार नहीं किए जाएंगे। एक तरफ वैध रूप से मंडी में फड़ी लगाने वाला दुकानदार विभाग को तीन हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से यूजर्स चार्ज अदा कर रहा है दूसरी इसी मंडी में फिर से अवैध रूप से बिना कोई शुल्क अदा किए फड़ियां लगानी शुरू कर दी गई हैं। इस दोहरे मापदंड के विरोध में शुक्रवार को मंडी बोर्ड को शिकायत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सुनवाई नहीं की गई तो यह मामला विभाग के उच्च अधिकारियों तथा मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। मामला ध्यान में नहीं, शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई
जिला मंडी के अधिकारी मुकेश कुमार कैले बताते है कि मंडी में अवैध फड़ियां लगाए जाने का मामला उनके ध्यान में नहीं है। लिहाजा शिकायत मिलने पर तुरंत विभागीय कार्रवाई की जाएगी।