जेएनएन, चंडीगढ़/जालंधर। अवैध रेत खनन और मनी लांड्रिंग में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह उर्फ हनी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उसे नियमित जमानत दे दी है। भूपिंदर सिंह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल 30 नवंबर को एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद इस साल 20 फरवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में ईडी पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से भी पूछताछ कर चुकी है।
ईडी ने साल की शुरुआत में 12 जनवरी को भूपिंदर सिंह हनी के मोहाली स्थित घर पर छापामारी की थी। इस दौरान वहां से लगभग 8 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। बाद में हनी के एक दोस्त के घर से भी दो करोड़ मिले थे। इतनी बड़ी राशि कहां से उसके पास आई, इसके बारे में हनी कोई उत्तर नहीं दे सका था। इसके बाद 4 फरवरी को ईडी ने हनी को गिरफ्तार कर लिया था। प्रारंभिक पूछताछ में उसने माना था कि खनन अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए उसने रुपये वसूले। हालांकि उसने मामले में पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के शामिल होने से इनकार कर दिया था। ईडी इस मामले में चन्नी से भी पूछताछ कर चुकी है।
विधानसभा चुनाव में सुर्खियों में रहा मामला
भूपिंदर सिंह उर्फ हनी की गिरफ्तारी पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से कुछ दिन पहले ही हुई थी। उस समय विरोधियों ने तत्कालीन सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को यह कहकर निशाने पर लिया था कि हनी से बरामद हुए रुपये उनके हैं। चन्नी ने इन आरोपों को निराधार बताया था। हालांकि चन्नी के सीएम फेस होने के कारण चुनाव के दौरान कांग्रेस को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ा। आम आदमी पार्टी की सुनामी में कांग्रेस विधानसभा की 117 सीटों में से केवल 18 सीटें ही जीत सकी और चन्नी को सीएम पद गंवाना पड़ा।
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