किश्त नहीं दे सकते तो बैंक में दें रिक्वेस्ट लेटर
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते आरबीआइ ने उपभोक्ताओं को ईएमआइ देने की तीन महीने की राहत दी है।
कमल किशोर, जालंधर
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते आरबीआइ ने उपभोक्ताओं को ईएमआइ देने की तीन महीने की राहत दी है। इस अवधि में ईएमआइ चुकाना जरूरी नहीं होगा. न ही बैंक को पेनल्टी देनी पड़ेगी। उपभोक्ताओं को कोविड-19 से बिगड़ी स्थितियों का सामना करने व समर्थ बनाने के लिए राहत दी गई है। अगर किसी कर्जधारक की सात अप्रैल को ईएमआइ की किश्त लग रही है तो उसे बैंक परिसर में जाकर बैंक प्रबंधन को रिक्वेस्ट लेटर देना होगा। बैंक प्रबंधन उपभोक्ता से परफार्मा भरवा कर रिसिविग देगा। जून के बाद बैंक प्रबंधन उपभोक्ता के खाते से ईएमआइ काटना शुरू कर देगा। बैंक प्रबंधनों का कहना है कि अगर कर्जधारक ने बैंक प्रबंधन को रिक्वेस्ट लेटर नहीं दी तो ईएमआइ तय तारीख पर कट जाएगी। रिक्वेस्ट देने के बाद कर्जधारक की ईएमआइ जुलाई में कटनी शुरू होगी। कर्जधारक को तीन महीने की ईएमआइ के साथ पहले तरह की तरह ही ब्याज दर का भुगतान करना पड़ेगा। इस बारे में पंजाब नेशनल बैंक जीटी रोड के सीनियर मैनेजर जगदेव सिंह और यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के कन्वीनर अमृत लाल ने कहा, यह सुविधा कर्फ्यू के कारण काम बंद होने के कारण दी गई है।
ई-मेल के जरिए भी दे सकते हैं जानकारी
कोरोना पर लगाम लगाने के लिए पंजाब में कर्फ्यू लगा है। घर में बैठकर कर्जधारक ई-मेल के जरिए बैंक की ई-मेल आइडी पर लेटर को भेज सकते हैं या फिर बैंक मैनेजर से फोन पर बात कर सकते हैं। बैंक को लेटर मिलते ही आपकी ईएमआइ तीन महीने तक नहीं कटेगी।