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सर्दी के मौसम में डॉगी की जान ले रही यह खतरनाक बीमारी, एेसे बचा सकते हैं जान

सर्दी बढ़ने के साथ इंसान में ही नहीं जानवरों के दिल की धड़कनें भी तेज होने लगती हैं। इंसान की तरह ही अत्यधिक गर्मी व सर्दी में डॉगी में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं ।

By Sat PaulEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 05:15 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 11:16 AM (IST)
सर्दी के मौसम में डॉगी की जान ले रही यह खतरनाक बीमारी, एेसे बचा सकते हैं जान
सर्दी के मौसम में डॉगी की जान ले रही यह खतरनाक बीमारी, एेसे बचा सकते हैं जान

[जालंधर, जगदीश कुमार] सर्दी बढ़ने के साथ इंसान में ही नहीं जानवरों के दिल की धड़कनें भी तेज होने लगती हैं। इंसान की तरह ही अत्यधिक गर्मी व सर्दी में डाॅगी के हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं ।इंसान तो हार्ट अटैक के लक्षण आते ही परिजनों को बता देते हैं, परंतु बेजुबान जानवर मौत को गले लगा लेते हैं। कूल रोड रहने वाले शर्मा जी के पग डॉग ऑस्कर को पिछले दिनों हार्ट अटैक आया, परंतु मौके पर ही एहतियात बरतने की वजह से उसकी जान बच गई।

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शहर में ऐसे कई मामले पाए गए हैं, जब डॉगी का हार्ट फेल हुआ है। पशु चिकित्सक डॉक्टर जीएस बेदी का कहना है कि जब आपके डॉगी की थोड़ा सा दौड़ने पर सांस फूल जाती है तो समझ लें कि उसे दिल की बीमारी है। कुत्तों में डायबिटीज व तनाव के चलते हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। जब अटैक आता है, तो लोग उसे देख समझ नहीं पाते हैं। कुत्ता पहले सुस्त हो जाता है और फिर अचानक मौत हो जाती है।

डाॅक्टर बेदी बताते हैं कि उनके पास 15 दिन में ही इस तरह के चार केस आ चुके हैं। डाॅ. बेदी अधिक सर्दी और गर्मी के सीजन को डॉग्स के लिए चैलेंज से भरा बताते हैं।उनका कहना है कि लोगों को डॉग्स के दिल की बीमारी को लेकर कोई जानकारी नहीं है। लोग सही समय पर डॉग का इलाज नहीं करवाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। डॉग्स में हार्ट अटैक से मौत के मामले मिडिल व ओल्ड ऐज में देखे गए हैं। लोगों को पता ही नहीं होता है कि उनका डॉग दिल की बीमारी का शिकार हो चुका है।

डॉग्स में दिल की बीमारी के लक्ष्ण

1. डॉगी सुस्त रहने लगता है।

2. सांस लेने में मुश्किल होती है।

3. खांसी आती है।

4. पेट में सोजिश हो जाती है।

5. सांस लेते हुए आवाज आती है।

6. शरीर कमजोर हो जाता है।

7. शरीर के कई हिस्सों में पानी भर जाता है।

यह हैं दिल की बीमारी के कारण

दिल की बीमारी का मुख्य कारण तनाव है। लोग खुद आॅफिस चले जाते हैं और डॉगी फ्लैट में बंद होते हैं। ग्रेड डेन जैसे बड़े साइज के डॉगी को खेलने के लिए पर्याप्त जगह न मिलना तनाव का कारण बनता है। लोग 'मीटिंग' से डॉगी को दूर रखते हैं, जो शारीरिक परेशानी व तनाव देता है। इसके साथ ही बढ़ती उम्र की कमजोरी व डायबिटीज इस बीमारी का कारण बनती है।

 

इलाज की सुविधा नहीं 

एक पहलू यह भी है कि इंसानों के लिए तो ईसीजी जैसी तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन डॉग्स के लिए कोई भी स्पेशल अस्पताल नहीं है। लोगों के डॉग की सर्जरी या बड़ी सेहत समस्या होती है तो वह लुधियाना वेटरनरी यूनिवर्सिटी जाते हैं।

इतने साल तक जीते हैं डॉग्स

1. मापेरियन, डैशंड, सपिट्ज, काकर स्पेनियल की औसत उम्र है 9-10 साल।

2. बड़े साई के डॉग सेंट बरनार्ड, ग्रेड डेन, इंग्लिश मैसिटफ की औसत उम्र 6-7 साल होती है।

3. मिक्स ब्रीड व देशी ब्रीड्स डॉगी 13-14 साल तक जिंदा रहते हैं।


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