राम मंदिर निर्माण का सपना लिए दुनिया से अलविदा हुए संजीव
हिन्दुत्व के लिए जान तक की कुर्बानी देने को सदैव तैयार रहने वाले हिन्दू नेता संजीव पराशर का वीरवार को निमोनिया से निधन हो गया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : हिन्दुत्व के लिए जान तक की कुर्बानी देने को सदैव तैयार रहने वाले हिन्दू नेता संजीव पराशर का वीरवार को निमोनिया से निधन हो गया। वह करीब 43 वर्ष के थे। संजीव पराशर के निधन की खबर आते ही जिले से हिन्दू संगठनों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। हर कोई अचंभित था। कारण, अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर हाल ही में श्री देवी तालाब में आयोजित विशाल धर्म सम्मेलन में उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए शपथ ली व युवाओं को इसके लिए प्रेरित किया था। 3-4 दिन से वे बीमार चल रहे थे।
जिले में गोरक्षा के लिए संजीव पराशर ने कई जगहों पर अपने स्तर पर जाकर छापेमारी करके प्रशासन की मदद से गाय को गोशाला में पहुंचाया था। इसके लिए उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा था। इसी तरह जिले में धर्म परिवर्तन की मूवमेंट के खिलाफ आवाज बुलंद करने पर संजीव पराशर को हिन्दू संगठनों का व्यापक समर्थन मिला। इन दिनों में वह अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए आवाज बुलंद कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने राज्यभर में दौरा करके हिन्दुओं को इसके लिए जागरूक किया। इन्होंने दी अंतिम विदाई
1009 अर्बन एस्टेट फेज-दो के रहने वाले संजीव पराशर की पत्नी बबिता पराशर, बेटे कशिश पराशर व बेटी ईशा पराशर के साथ सात्वंना व्यक्त करने राज्यभर से हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि जुटे। उनका अंतिम संस्कार वीरवार को गढ़ा स्थित शमशानघाट में किया गया। इस दौरान हिन्द क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज नन्हा, पूर्व विधायक सरबजीत ¨सह मक्कड़, कीमती भगत, कुणाल कोहली, शिवसेना हिन्द के प्रदेश प्रधान ईशांत शर्मा, मुनीष बाहरी, शिवसेना बाल ठाकरे से आशीष अरोड़ा, सुमेश शर्मा, एसीपी स¨तदर चड्डा, डीसीपी गुरमीत ¨सह, पार्षद प्रभदयाल भगत, अरुण जैन सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अंतिम विदाई दी।