टीचर्स ने ऐसा पीटा कि बन गए आइएएस अफसर..
स्कूल समय में जब जसवीर सर पिटाई करते थे, तो उन पर बड़ा गुस्सा आता था, लेकिन आज महसूस होता है कि अगर तब मार नहीं खाई होती तो आज आईएएस अफसर नहीं होता।
जागरण संवाददाता, जालंधर : 'स्कूल समय में जब जसवीर सर पिटाई करते थे, तो उन पर बड़ा गुस्सा आता था, लेकिन आज महसूस होता है कि अगर तब मार नहीं खाई होती तो आज आईएएस अफसर नहीं होता। यह कहना है 26 वर्षीय युवा आईएएस हिमाशु जैन (असिस्टेंट कमिश्नर) का। लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वूमेन में दैनिक जागरण की ओर से शिक्षक दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम 'एक सम्मान शिक्षकों के नाम' में पहुंचे जैन ने जीवन के संघर्ष के बारे में बताया। कहा, संघर्ष भरे जीवन में मुझे जिस प्रकार से अध्यापकों से प्रेरणा और सहयोग मिला, जीवन के उस अनुभव के आधार पर कह सकता हूं जो लोग शिक्षक का सम्मान करते हैं, वे जिंदगी में कभी फेल नहीं हो सकते।'
उन्होंने कहा कि ये सही है कि देश व राष्ट्र निर्माण में विभिन्न लोगों का विभिन्न स्वरूपों में योगदान रहता है, लेकिन उन सभी शक्तियों को बनाने वाले अध्यापक ही हैं। इसलिए राष्ट्र निर्माण की नींव शिक्षक ही रखते हैं।
उन्होंने छात्राओं को जीवन में सफलता का मूलमंत्र देते हुए कहा कि आज हो सकता है अध्यापकों का डाटना आपको बुरा लगता हो, अनुशासन में रहने की उनकी सीख बुरी लगती हो, लेकिन बड़ा सच ये भी है कि अनुशासन में रहना फेल होने से कम पीड़ादायक है। जो लोग अध्यापकों का सम्मान नहीं करते हैं व उनकी आलोचना करते हैं, वे ड्क्षजदगी की दौड़ में बहुत पीछे रह जाते हैं। ऐसा उन्होंने अभी तक के अपने जीवन के अनुभव में आखों से देखा है।
कॉलेज परिसर में मुख्य मेहमान हिमाशु जैन को सम्मानित करते हुए कॉलेज की ड्क्षप्रसिपल डॉ.नवजोत ने कहा कि शिक्षक सिर्फ अक्षर ज्ञान ही नहीं उपलब्ध नहीं करवाते, बल्कि वह ंिजंदगी जीने के तरीके भी सिखाते हैं। शिक्षक सिखाते हैं कि जीवन में एक अच्छा इंसान बनने की कोशिश करें। खुद तो जानवर भी अपना जीवन जी लेते हैं, लेकिन इंसान के रूप में सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी जिएं। यह सीख हमें शिक्षकों से ही मिलती है।
शिक्षक के बल पर ही मिलता है हर मुकाम : हिना गुप्ता
कुछ ही दिनों में अपने सख्त तेवर के रूप में पहचान बनाने वाली पीपीएस अधिकारी व थाना डिवीजन नं.8 की प्रभारी हिना गुप्ता ने कहा कि जीवन में शिक्षक के बल पर ही हर मुकाम मिलता है। शिक्षक के बिना सफलता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। सही मायने में किसी भी व्यक्ति के जीवन की नींव अध्यापक ही रखते हैं। वे आज जो कुछ भी हैं, अपने शिक्षकों के कारण ही हैं।
टीचर की डाट नहीं सुनती तो आज फर्राटेदार अंग्रेजी नहीं बोल पाती : प्रभजोत कौर
राष्ट्रीय स्तर की शूटर व एडिशनल एसएचओ प्रभजोत कौर का कहना है कि स्कूल समय में अंग्रेजी की गलत प्रोनाउंसेशन के लिए अपनी अध्यापिका की डाट नहीं सुनी होती तो आज वे फर्राटेदार अंग्रेजी नहीं बोल पातीं। जीवन में चुनौतियों का सामना करने का जज्बा अपने अध्यापकों से ही सीखा है, जो आज पुलिस अधिकारी के रूप में बहुत काम आ रहा है। उन्होंने सभी को शिक्षक दिवस की बधाई भी दी।