पानी में डूबा हाईवे, एनएचएआइ के अफसरों को डीसी ने फटकारा
पिछले तीन दिन से हो रही तेज बारिश के चलते जालंधर-पानीपत सिक्स लेन हाइवे पानी में डूब गया। दो से तीन फुट तक जमा पानी में वाहन फंस कर रह गए और हाइवे के रखरखाव की जिम्मेदार नैशनल हाइवे अथॉरिटी (एनएचएआई) की अफसरशाही सोमवार सुबह तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। कभी पानी निकालने की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट पर काम कर रही निजी कंपनी की बताई जाती रही तो कभी तर्क काम चालू होने का दिया जाता रहा।
जागरण संवाददाता, जालंधर : तीन दिन से जारी तेज बारिश के कारण जगह-जगह पानी में डूबे जालंधर-पानीपत हाईवे पर वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विकट समस्या के बावजूद हाथ पर हाथ रखे बैठे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) के अधिकारियों को सोमवार को डीसी ने जमकर फटकार लगाई। उन्होंने बिना देर किए हाईवे से पानी निकालने और रिपेयर करवाने के आदेश दिए हैं।
हाईवे पर दो से तीन फुट तक जमा पानी में कई जगह वाहन फंस गए हैं। अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को मार्ग की जानकारी नहीं होने से ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे के रखरखाव के लिए जिम्मेदार एनएचएआइ की अफसरशाही सोमवार सुबह तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। कभी पानी निकालने की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट पर काम कर रही निजी कंपनी की बताई जाती रही तो कभी तर्क काम चालू होने का दिया जाता रहा। हाईवे की बदहाली की जानकारी डिप्टी कमिश्नर व¨रदर कुमार शर्मा तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत एनएचएआइ के अधिकारियों से बिना देरी किए हाईवे से पानी निकालने और रिपेयर करवाने के आदेश दिए।
हाईवे से ड्रेन कनेक्ट न होने से ही बिगड़ी स्थिति
291 किलोमीटर लंबे जालंधर-पानीपत हाईवे से ड्रेन कनेक्ट न होने सारा हाईवे पानी में डूब गया है। ड्रेन बारिश के ही पानी की निकासी के लिए बनवाया गया था, लेकिन उसे कहीं कनेक्ट नहीं किया गया। अब ड्रेन मामूली बारिश के पानी की भी निकासी नहीं कर पाता है। एनएचएआइ के पूर्व प्रोजेक्ट डायरेक्टर विपन शर्मा ने ड्रेन के नीचे रेन वाटर हार्वे¨स्टग कुएं बनवाकर समस्या सुलझाने का प्रयास किया था, लेकिन उनके तबादले के साथ ही यह काम भी रोक दिया गया।
टालमटोल : सोमा के अधिकारी आइसोलक्स की जिम्मेदारी बता रहे
लापरवाही का आलम यह है कि प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही सोमा आइसोलक्स कंपनी अब खुद को अलग अलग बता रही हैं। सोमा कंपनी के नए प्रोजेक्ट मैनेजर नारासिमुलु ने कहा कि मेंटीनेंस की जिम्मेदारी आइसोलक्स की है। आइसोलक्स के जीएम ज्योति प्रकाश अपना फोन ही ऑफिस में रखकर गायब थे। गार्ड जसवीर ¨सह ने अंबाला से कहा कि यह फोन ऑफिस में ही रहता है। इससे ज्यादा जानकारी उनके पास नहीं है।
एनएचएआइ का नियमित प्रोजेक्ट डायरेक्टर ही नहीं
प्रोजेक्ट को लेकर एनएचएआइ की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जालंधर-पानीपत सिक्स लेन प्रोजेक्ट के लिए नियमित प्रोजेक्ट डायरेक्टर की नियुक्ति ही नहीं की जा रही है। विजय कुमार शर्मा के पास भी एडीशनल चार्ज ही था। उनके बाद अब चंडीगढ़ के जस¨बदर ¨सह को एडीशनल चार्ज दिया गया है।
डीसी के आदेश पर काम करवाया जा रहा है : एनएचएआइ
एनएचएआइ के चंडीगढ़ रीजनल ऑफिस के अधिकारी विशाल गुप्ता ने कहा कि डीसी जालंधर के आदेश पर तत्काल प्रभाव से टीमें काम पर लगाई गई हैं। पंप लगवा कर पानी निकलवाया जा रहा है। ड्रेन कहीं कनेक्ट न हो पाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि लोगों ने उस पर कब्जे कर लिए थे, इस कारण कनेक्ट नहीं किया गया। जब उन्हें यह बताया गया कि हाईवे पर तो आसपास कहीं कोई निर्माण ही नहीं है तो उन्होंने कहा कि चेक करवाएंगे।
एनएचएआइ को तुरंत हाईवे क्लीयर करवाना होगा : डीसी
सोमवार शाम को हाईवे पर हालात का जायजा लेने के बाद डीसी वीके शर्मा ने कहा कि एनएचएआइ को तुरंत हाईवे क्लीयर करवाना होगा। लोगों की परेशानी को खत्म करना होगा। अधिकारियों को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है और वह खुद भी सारी रिपोर्ट ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएपी चौक और रामामंडी चौक फ्लाईओवर का काम भी तुरंत निपटाने को कहा गया है।
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