High Security Number Plate के लिए लोग खा रहे धक्के, एजेंटों को 'वीआइपी सर्विस' Jalandhar News
आरटीए के बस स्टैंड के नजदीक स्थित ड्राइविंग ट्रैक पर एजेंट सक्रिय है जो यहां हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने वालों की तलाश करता है और फिर प्रतापपुरा जाकर प्लेट लगवाता है।
जालंधर, जेएनएन। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए आवेदन करने के बाद चार दिन का वक्त दिया जाता है। फिर भी लोग हफ्ते से ज्यादा धक्के खाते हैं लेकिन अगर आपने एजेंट को दो हजार रुपये दे रखे हैं तो यह काम आवेदन वाले दिन ही हो जाता है।
ऐसा ही देखने को मिला है एक नई कार के नंबर में। 9059 नंबर के वाहन की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट तीन जनवरी को अप्लाई की गई। उसी दिन उसकी डिलीवरी व फिटिंग भी कर दी गई। यही नहीं, उसी दिन रिकॉर्ड भी आरटीए दफ्तर भेज दिया गया। नंबर प्लेट वाली कंपनी एग्रोस इंपेक्स के राज्य बिजनेस हेड सुधीर गोयल तक यहां दौरा कर कर्मचारियों को फटकार लगा चुके हैं, लेकिन कोई बाज नहीं आ रहा हैै।
एजेंट सुबह ट्रैक पर ढूंढ़ता है ग्राहक, फिर नंबर प्लेट लगवाता है
आरटीए के बस स्टैंड के नजदीक स्थित ड्राइविंग ट्रैक पर एक एजेंट सक्रिय है, जो सुबह यहां हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने वालों की तलाश करता है और फिर प्रतापपुरा स्थित सेंटर में जाकर नंबर प्लेट लगवाता है। यहां ड्राइविंग के लिए आने वाले लोगों से वह सेटिंग करता है और फिर उनसे दो हजार रुपये लेता है। इसमें से 500 वह खुद रखता है जबकि डेढ़ हजार रुपये नंबर प्लेट से जुड़े कर्मचारियों को देता है। इस एजेंट को ट्रैक से लेकर नंबर प्लेट के दफ्तर तक पूरा आशीर्वाद प्राप्त है। यही वजह है कि वह नंबर प्लेट के अंदर कमरे तक पहुंच रखता है, जिसके आसपास भी आम लोगों को नहीं फटकने दिया जाता।