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फेसबुक पर फ्रेंडशिप, वाट्सएप पर चैटिंग, 'शिकार' घर पहुंचते ही हेड कांस्टेबल डाल देता था रेड

गिरोह का सरगना कपूरथला में तैनात हेड कांस्टेबल राजा सिंह है। गिरोह में दो महिलाएं भी शामिल थीं। तीनों ने लुधियाना के एक अफसर की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया गया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 10:34 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 10:34 AM (IST)
फेसबुक पर फ्रेंडशिप, वाट्सएप पर चैटिंग, 'शिकार' घर पहुंचते ही हेड कांस्टेबल डाल देता था रेड
फेसबुक पर फ्रेंडशिप, वाट्सएप पर चैटिंग, 'शिकार' घर पहुंचते ही हेड कांस्टेबल डाल देता था रेड

जागरण संवाददाता, जालंधर : सरकारी अफसरों को 'हनी ट्रैप' में फंसाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह को विजिलेंस ब्यूरो ने ट्रैप लगा रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरोह का सरगना कपूरथला में तैनात पंजाब पुलिस का हेड कांस्टेबल राजा सिंह है। गिरोह में दो महिलाएं भी शामिल थीं। तीनों ने लुधियाना के एक अफसर को बदचलनी के केस में फंसाकर दो लाख रुपये मांगे थे। पीड़ित ने इसकी विजिलेंस में शिकायत दी थी। विजिलेंस ने ट्रैप लगाकर 50 हजार रुपये रिश्वत देते हुए गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।

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विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज के एसएसपी दिलजिंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि उनके पास लुधियाना के एक सरकारी विभाग के मुलाजिम ने शिकायत की थी कि एक महिला से उससे फेसबुक पर चैटिंग की थी, फिर उसने व्हाट्सएप नंबर दिया। दोनों के बीच बातचीत चलती रही। 28 दिसंबर 2018 को उक्त महिला ने उसे मिलने के लिए गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू स्थित एक फ्लैट में बुलाया। जब मुलाजिम अपनी कार से उक्त फ्लैट में पहुंचा तो वहां पहले से एक और महिला मौजूद थी। जिसे उक्त महिला ने अपनी दीदी बताया तथा कहा कि फ्लैट भी इनका ही है। फिर वहां चाय मंगाई गई तो अचानक कपूरथला की कालासंघिया चौकी में तैनात हेड कांस्टेबल राजा सिंह वहां आ धमका और कहा कि वो यहां रंगरलियां मना रहा है। उसने बदचलनी का केस दर्ज करने की धमकी देकर थाने चलने को कहा।

अपनी इज्जत बचाने की खातिर मुलाजिम मिन्नतें करने लगा तो दोनों महिलाओं ने कहा कि पुलिस वाले को पैसे देकर मामला रफा-दफा कर दे। दो लाख रुपये में सौदा तय हुआ। उस वक्त उन्होंने पर्स में पड़े पांच हजार रुपए ले लिए और उसके दस्तावेज वाले पर्स भी अपने पास रख लिया। मुलाजिम ने पीछा छुड़ाने के लिए चेक देने की बात कही तो उन्होंने एक लाख का चेक व एक ब्लैंक चैक ले लिया। फिर हफ्ते का टाइम देते हुए कैश दो लाख देकर चेक व अन्य सामान ले जाने को कहा। इसके बाद वह बार बार फोन पर पैसे मांगने लगे। पैसे न देने पर घर आकर बेइज्जत करने, केस दर्ज करने के साथ-साथ चेक बैंक में लगाकर बाउंस होने पर 420 आईपीसी का पर्चा दर्ज करने की धमकी देने लगा।
 

इन सब बातों से परेशान मुलाजिम ने विजिलेंस ब्यूरो से संपर्क किया और इसके बाद 19 जनवरी को सरकारी गवाहों की हाजिरी में 50 हजार रुपये की किश्त देते वक्त विजिलेंस ने गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू से तीनों को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी के मुताबिक तीनों ने मिलकर यह गिरोह बनाया था, जिसमें वो सरकारी मुलाजिम व अफसरों को फंसाकर पैसे वसूलते थे।

एसएसपी ने कहा अगर कोई अन्य इस गिरोह की ठगी का शिकार हुआ है तो उनसे संपर्क करे। उनका नाम, पता गुप्त रखा जाएगा। इस मामले में भी दोनों आरोपित महिलाओं व सरकारी मुलाजिम का नाम गुप्त रखा गया है।

पूरे पंजाब में सरकारी मुलाजिमों को बनाया शिकार, आठ साल से चला रहा था रैकेट

जालंधर [मनीष शर्मा]। कपूरथला के काला संघिया में तैनात हेड कांस्टेबल राजा सिंह का गिरोह फेसबुक व वाट्सएप के जरिए शिकार फांसता था। गिरोह बड़े सुनियोजित तरीके से काम करता था। दोनों महिलाओं ने फेसबुक पर अपनी आईडी बना रखी थी। दोनों ने अपनी ओरिजनल प्रोफाइल फोटो लगाई हुई थी। दोनों लोगों के फेसबुक प्रोफाइल चेक करती रहती थी। जिस भी प्रोफाइल में सरकारी महकमे में काम करने के बारे में लिखा होता, उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज देती थीं। रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होते ही पहले फेसबुक मैसेंजर पर चैटिंग करती और फिर अपना वाट्सएप नंबर दे देती थीं। इसके बाद वाट्सएप पर चैटिंग करती थी।

सरकारी कर्मचारियों को यकीन दिला देती थी कि वे उसके चक्कर में फंस गई हैं। इसके बाद वे शिकार को मिलने के लिए घर बुलाती थी। वहां दोनों महिलाएं मौजूद होती। चाय पिलाने के बहाने अफसर को बिठाया जाता और फिर चुपके से गिरोह के सरगना हेड कांस्टेबल राजा सिंह को फोन किया जाता। वो तुरंत पुलिस की वर्दी में फर्जी रेड डाल देता। जिसके बाद सरकारी अफसर को पुलिसिया स्टाइल में घसीटते हुए धमकाया जाता कि उस पर देह व्यापार में शामिल होने का केस दर्ज होगा और इसके बाद लाखों रुपये वसूले जाते।

आठ साल से चल रहा था यह धंधा

विजिलेंस की आरंभिक जांच में पता चला है कि राजा पिछले आठ साल से ये धंधा चला रहा था। उसने पूरे पंजाब के लोगों को अपना शिकार बनाया। हालांकि विजिलेंस ने आंकड़ा नहीं बताया लेकिन आठ साल में दर्जनों लोग इस गिरोह का शिकार बने हैं।

सरकारी अफसर इसलिए टारगेट

गिरोह सरकारी अफसरों को ही अपना टारगेट इसलिए बनाता था क्योंकि सरकारी अफसरों के केस में फंसने पर दोहरी मार पड़ती थी। एक तो नौकरी चली जाने का डर और दूसरा परिवार व समाज में बदनामी का डर। गिरोह के सदस्य गजटेड अफसरों से नीचे और क्लास फोर से ऊपर के सरकारी अफसरों को ही टारगेट करते थे। मकसद यह भी था कि उन्हें हर माह 60 से 70 हजार सैलरी मिलती है, इसलिए पैसे आसानी से मिल जाते हैं। वैसे वो एटीएम से ही पैसे निकलवा लेते। अगर किसी के एटीएम में पैसे न हों तो उसके आइडेंटिटी कार्ड, एटीएम आदि रखकर ब्लैकमेल करते थे।

पुलिस वालों से दोस्ती नहीं

राजा ने दोनों महिलाओं को साफ कहा था कि किसी भी पुलिस वाले से दोस्ती न करें। कारण ये था कि राजा फर्जी रेड डालता था। अगर कोई पुलिस वाला होगा तो तुरंत समझ जाएगा कि ऐसे रेड नहीं पड़ती और पकड़ा जाता। इसके उलट वे दूसरे सरकारी विभागों के अफसरों को भरोसा दिला देता था कि बाकी पुलिस पार्टी नीचे खड़ी है। डर के मारे अफसर यह देखने नहीं जाता था और उनके जाल में फंस जाता था।


पुलिस वाले की तलाकशुदा पत्नी से मिल बनाया गिरोह

एसएसपी विजिलेंस डीएस ढिल्लों ने बताया कि राजा सिंह खुद शादीशुदा है। उसके दो लड़के व एक लड़की है। गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू में रहने वाली महिला का अपने पुलिस मुलाजिम पति से तलाक हो गया। जिसके बाद राजा से उसके संबंध बन गए और उन्होंने सूर्या एन्क्लेव निवासी ट्रक ड्राइवर की पत्नी को भी अपने गिरोह में शामिल कर लिया।

तनख्वाह सेविंग, वसूली को आमदनी कहता था राजा

राजा कहता था कि पुलिस महकमे से उसे जो तनख्वाह मिलती है, वो उसकी सेविंग है। आमदनी तो उसकी यही है जो उसे ब्लैकमेलिंग के बाद वसूली से मिलती है। एसएसपी विजिलेंस ने उसे खाकी में क्रिमिनल बताते हुए कहा कि बहुत शातिराना तरीके से इस धंधे को अंजाम दे रहा था।

विजिलेंस कार्रवाई न करती तो सुसाइड कर लेता अफसर

इस ताजा मामले में किसी कारणवश अफसर को सैलरी नहीं मिली थी। वो पैसे देने में असमर्थ था। जिसके बाद दो लाख न देने पर घर आकर बेइज्जत करने की धमकी से परेशान होकर उसने सुसाइड का मन बना लिया था। यही कारण है कि जब वो विजिलेंस दफ्तर शिकायत देने पहुंचा तो इसका सामान भी साथ लाया था। उसने कहा कि अगर वो पकड़े न गए तो अपनी जिंदगी खत्म कर लेगा। एसएसपी विजिलेंस ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इसी वजह से उक्त अफसर का नाम नहीं बताया जा रहा है।

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