जालंधर में मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में हुआ श्री शनिदेव महाराज का शृंखलाबद्ध हवन यज्ञ
जालंधर में मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त शृंख्लाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। यजमान श्री गोपाल मालपानी से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश नवग्रह पंचोपचार षोडशोपचार कलश पूजन उपरांत पंडित अविनाश गौतम एवं पंडित पिंटू शर्मा ने हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई।
जालंधर, जेएनएन। जालंधर में मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त शृंख्लाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से श्री शनिदेव महाराज के निमित्त हवन यज्ञ जो कि नाथां बगीची जेल रोड में हो रहा था। इस महामारी के कारण वश अल्पविराम आ गया था। अब यह हवन पिछले लगभग 7 महीने से मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में आयोजित किया जा रहा है। सर्व प्रथम मुख्य यजमान श्री गोपाल मालपानी से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत पंडित अविनाश गौतम एवं पंडित पिंटू शर्मा ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई।
हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि भक्ति जीवन से विलग नहीं है। भक्ति इंसान के विश्वास को आस्था को संयम को दृढ़ करने का साधन है। भक्ति सर्वशक्तिमान की अधीनता है। भक्ति इंसान में यह एहसास जगाती है कि जो कुछ करने वाला है वो परमात्मा है। वर्तमान समय कोरोना काल में यह सिद्ध भी हो गया है कि मर्जी इंसान की नहीं परमात्मा की चलती है। नवजीत भारद्वाज ने फरमाया कि कभी-कभी विकट समय में इंसान परमात्मा पर ही सवाल उठाना शुरू कर देता है। इन्हीं सवालों का सही जवाब है। मां बगलामुखी का जाप और मंत्रों का पाठ करना और संतो का सत्संग सुनना। उन्होने कहा कि संतों का सत्संग हमारी मन की दृढ़ शक्ति को बढ़ाता है। सत्संग आपको मनमुखी से गुरु मुखी बनाता है। मन को केवल संतों का वचन ही बांध सकता है। उन्होंने कहा कि नेक कर्म करके ही इंसान भक्ति की और बढ़ सकता है। जिसके मन में दया धर्म प्रेम परोपकार नहीं है वो लाख भक्ति करे लेकिन उसकी भक्ति बेकार है। नवजीत भारद्वाज ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि समय बदल गया। पहले इंसान मुश्किल हालातों में भी भक्ति कमाता था। उन मुश्किल हालातों से उनकी परीक्षा हो जाती थी। आज साधन सहूलियत हैं लेकिन भक्ति गौण हो गई।
इस अवसर पर सोशल डिस्टेंस एवं सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा गया। हवन-यज्ञ उपरांत लंगर भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पंकज उपाध्याय, गुरबाज सिंह, राजेश महाजन, संजीव शर्मा, रोहित बहल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, अशोक शर्मा, विक्रांत शर्मा, मोहित बहल, अश्विनी शर्मा धूप वाले, राहुल शर्मा, अमरेंद्र सिंह, यज्ञदत्त, मानव शर्मा, प्रदीप शर्मा, राजीव, प्रिंस, राकेश, प्रवीण, दीपक, प्रिंस, सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।