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हरसिमरत ने कैप्टन से पूछा, 50 लाख की जमीन 2 करोड़ में कौन खरीदेगा

-फ्लैग: पंजाब के दो मेगा प्रोजेक्ट्स लुधियाना के फूड पार्क और बठिंडा के एम्स पर केंद्रीय मं

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 07:49 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 07:49 PM (IST)
हरसिमरत ने कैप्टन से पूछा, 50 लाख की जमीन 2 करोड़ में कौन खरीदेगा
हरसिमरत ने कैप्टन से पूछा, 50 लाख की जमीन 2 करोड़ में कौन खरीदेगा

-फ्लैग: पंजाब के दो मेगा प्रोजेक्ट्स लुधियाना के फूड पार्क और बठिंडा के एम्स पर केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री में ठनी

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क्रॉसर

-कहा, सहयोग नहीं किया तो अपने स्तर पर ही पूरा करवाएंगे राज्य के अहम प्रोजेक्ट

-फूड पार्क के लिए दे रहे महंगी जमीन, एम्स के लिए नहीं मिलीं जरूरी एनओसी

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जेएननए, जालंधर: पंजाब के दो मेगा प्रोजेक्ट्स को लेकर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच ठन गई है। हरसिमरत ने कैप्टन पर आरोप लगाया है कि वे आम लोगों व किसानों से जुड़े दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों की राह में जानबूझ कर रोड़े अटका रहे हैं। इनमें लुधियाना के लाडोवाल में 117.61 करोड़ की लागत से बनने वाला फूड पार्क और बठिंडा में 925 करोड़ की लागत से बनने वाला ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) शामिल है।

हरसिमरत का आरोप है कि मल्टी प्रोडक्ट फूड पार्क के लिए पंजाब सरकार अभी तक जमीन मुहैया नहीं करवा पाई है। निवेशकों के अनुसार पंजाब सरकार उन्हें इस प्रोजेक्ट के लिए 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन देने की बात कर रही है, जबकि वहां एक चौथाई यानी 50 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन उपलब्ध है। कैप्टन बताएं कि 50 लाख की जमीन 2 करोड़ में कौन खरीदेगा। निवेशक इस प्रोजेक्ट में रुचि नहीं दिखा रहे। फूड पार्क के लिए केंद्र सरकार 50 करोड़ रुपये का अनुदान दे रही है, इसके बावजूद प्रदेश सरकार सहयोग नहीं कर रही। वहीं, उनका आरोप है कि पंजाब सरकार बठिंडा एम्स के निर्माण के लिए जरूरी एनओसी नहीं दे रही है। उन्होंने तल्ख शब्दों में कहा है यदि प्रदेश सरकार अपेक्षित सहयोग नहीं करती, तो केंद्र सरकार अपने स्तर पर जरूरी कदम उठाएगी और इसे समय पर पूरा करेगी। वहीं, सेहत मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा का कहना है कि एनओसी जल्द जारी की जाएंगी।

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प्रोजेक्ट्स की स्थिति

1. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स), बठिंडा

-नींव पत्थर: 25 नवंबर, 2016 (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा।)

-कुल क्षेत्र: 177.13 एकड़

-लागत: 925 करोड़

-सुविधा: 750 बेड, 20 सुपर स्पेशलिटी सेक्शन, 100 एमबीबीएस सीटें व 60 बीएससी नर्सिग सीटें।

-स्थिति: सिर्फ बाउंड्री वॉल का निर्माण हुआ। 90 फीसद काम एनओसी न मिलने के कारण शुरू भी नहीं हुआ।

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1. मल्टी प्रोडक्ट फूड पार्क, लाडोवाल (लुधियाना)

-नींव पत्थर: 26 सितंबर, 2016 (केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने रखा।)

-कुल क्षेत्र: 100 एकड़

-कुल लागत: 171.61

-सुविधा: 50 हजार किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स खुलेंगी।

-स्थिति: महंगी जमीन के चलते निवेशक नहीं दिखा रहे रुचि।

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चिट्ठियों में उलझा एम्स

एम्स का प्रोजेक्ट्स केंद्र और राज्य सरकार की चिट्ठियों के बीच उलझ गया है।

-11 दिसंबर 2017 को कैप्टन को लिखे एक पत्र में हरसिमरत ने एम्स की बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए जरूरी एनओसी देने की मांग की।

-21 फरवरी 2018 को कैप्टन ने इसके जवाब में लिखा कि उन्होंने बाउंड्री वॉल के लिए जरूरी दो एकड़, पांच कनाल व 11 मरले जमीन उपलब्ध करवा दी है। मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी व डीसी बठिंडा ने साइट विजिट कर काम में तेजी लाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। कैप्टन ने अपील की है कि केंद्र एम्स के मेन कैंपस का काम शुरू करे, शेष काम राज्य सरकार समय पर पूरा कर लेगी।

-21 दिसंबर, 2017 को कैप्टन ने हरसिमरत को लिखे पत्र में कहा है कि वाटर चैनल व वाटर टैंक से संबंधित एनओसी के लिए मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को निर्देश दिए गए हैं।

-मार्च 2018 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कैप्टन को पत्र लिखा है कि एम्स के लिए जरूरी रोड प्रोजेक्ट्स अधूरे हैं। 66 केवी व 11 केवी के सबस्टेशन का निर्माण राज्य सरकर को करना है। सीवरेज व रेलवे ओवर ब्रिज का काम भी नहीं हुआ है।

-16 मई, 2018 को हरसिमरत ने कैप्टन को पत्र लिख कर चेंज ऑफ लैंड यूज, जोनिंग प्लान, वाटर चैनल की शिफ्टिंग, वन विभाग की क्लीयरेंस, 11 केवी के सब स्टेशन की शिफ्टिंग, 66 केवी के सब स्टेशन का निर्माण, सीवरेज प्रोजेक्ट व रोड प्रोजेक्ट्स के लिए एनओसी देने व अन्य बाधाएं दूर करने की मांग की है।

-25 मई, 2018 को हरसिमरत को लिखे पत्र में कैप्टन ने कहा है कि बठिंडा एम्स से जुड़े सभी पेंडिंग मामलों को सुलझाया जाए।


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