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दो मेगा प्रोजेक्ट्स पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह में ठनी

पंजाब के दो मेगा प्रोजेक्ट्स एम्स व फूड पार्क को लेकर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच ठन गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 10:44 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 08:42 PM (IST)
दो मेगा प्रोजेक्ट्स पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह में ठनी
दो मेगा प्रोजेक्ट्स पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह में ठनी

जालंधर [नितिन उपमन्यु]। पंजाब के दो मेगा प्रोजेक्ट्स को लेकर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच ठन गई है। हरसिमरत ने कैप्टन पर आरोप लगाया है कि वे आम लोगों व किसानों से जुड़े दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों की राह में जानबूझ कर रोड़े अटका रहे हैं। इनमें लुधियाना के लाडोवाल में 117.61 करोड़ की लागत से बनने वाला फूड पार्क और बठिंडा में 925 करोड़ की लागत से बनने वाला ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) शामिल है।

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हरसिमरत का आरोप है कि मल्टी प्रोडक्ट फूड पार्क के लिए पंजाब सरकार अभी तक जमीन मुहैया नहीं करवा पाई है। निवेशकों के अनुसार पंजाब सरकार उन्हें इस प्रोजेक्ट के लिए 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन देने की बात कर रही है, जबकि वहां एक चौथाई यानी 50 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन उपलब्ध है। कैप्टन बताएं कि 50 लाख की जमीन 2 करोड़ में कौन खरीदेगा। निवेशक इस प्रोजेक्ट में रुचि नहीं दिखा रहे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा फूड पार्क के लिए केंद्र सरकार 50 करोड़ रुपये का अनुदान दे रही है, इसके बावजूद प्रदेश सरकार सहयोग नहीं कर रही। वहीं, उनका आरोप है कि पंजाब सरकार बठिंडा एम्स के निर्माण के लिए जरूरी एनओसी नहीं दे रही है। उन्होंने तल्ख शब्दों में कहा है यदि प्रदेश सरकार अपेक्षित सहयोग नहीं करती, तो केंद्र सरकार अपने स्तर पर जरूरी कदम उठाएगी और इसे समय पर पूरा करेगी। वहीं, सेहत मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा का कहना है कि एनओसी जल्द जारी की जाएंगी।

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चिट्ठियों में उलझा एम्स

  • 11 दिसंबर 2017 को कैप्टन को लिखे एक पत्र में हरसिमरत ने एम्स की बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए जरूरी एनओसी देने की मांग की।
  • 21 फरवरी 2018 को कैप्टन ने इसके जवाब में लिखा कि उन्होंने बाउंड्री वॉल के लिए जरूरी दो एकड़, पांच कनाल व 11 मरले जमीन उपलब्ध करवा दी है। मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी व डीसी बठिंडा ने साइट विजिट कर काम में तेजी लाने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। कैप्टन ने अपील की है कि केंद्र एम्स के मेन कैंपस का काम शुरू करे, शेष काम राज्य सरकार समय पर पूरा कर लेगी।
  • 21 दिसंबर, 2017 को कैप्टन ने हरसिमरत को लिखे पत्र में कहा है कि वाटर चैनल व वाटर टैंक से संबंधित एनओसी के लिए मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को निर्देश दिए गए हैं।
  • मार्च 2018 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कैप्टन को पत्र लिखा है कि एम्स के लिए जरूरी रोड प्रोजेक्ट्स अधूरे हैं। 66 केवी व 11 केवी के सबस्टेशन का निर्माण राज्य सरकर को करना है। सीवरेज व रेलवे ओवर ब्रिज का काम भी नहीं हुआ है।
  • 16 मई, 2018 को हरसिमरत ने कैप्टन को पत्र लिख कर चेंज ऑफ लैंड यूज, जोनिंग प्लान, वाटर चैनल की शिफ्टिंग, वन विभाग की क्लीयरेंस, 11 केवी के सब स्टेशन की शिफ्टिंग, 66 केवी के सब स्टेशन का निर्माण, सीवरेज प्रोजेक्ट व रोड प्रोजेक्ट्स के लिए एनओसी देने व अन्य बाधाएं दूर करने की मांग की है।
  • 25 मई, 2018 को हरसिमरत को लिखे पत्र में कैप्टन ने कहा है कि बठिंडा एम्स से जुड़े सभी पेंडिंग मामलों को सुलझाया जाए।

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