ठेकेदारों से सड़कों की मेंटेनेंस नहीं करवा पा रहा निगम, हर साल पैचवर्क पर 10 करोड़ खर्च
टेंडर की शर्तों के मुताबिक ठेकेदार सड़क की गारंटी देता है और गारंटी पीरियड में सड़क ठीक भी करवानी होती है लेकिन बहुत कम मामलों में ऐसा हो रहा है।
जालंधर, जेएनएन। सड़क निर्माण के समय तय होने वाली शर्तों पर ठेकेदारों के अमल ना करने से सड़कें जल्द टूट रही हैं। शर्तों के मुताबिक ठेकेदार सड़क की गारंटी देता है और गारंटी पीरियड में सड़क ठीक भी करवानी होती है, लेकिन बहुत कम मामलों में ऐसा हो रहा है। ज्यादातर मामलों में सड़क अगर एक साल में टूटने लगती है तो आवाजाही के लिए सड़क को ठीक बनाए रखने के लिए निगम अपने खर्च पर ही पैचवर्क करवाता है। हालात ये हैं कि निगम सिर्फ पैचवर्क पर ही हर साल करीब 10 करोड़ रुपये खर्च कर देता है।
सड़क निर्माण के लिए टेंडर में ही सड़क की मेंटेनेंस का समय शामिल होता है। निगम ने टेंडर जारी करने के साथ ही यह शर्त रखनी शुरू कर दी है कि काम की कुल राशि का 10 प्रतिशत एक साल के लिए सिक्योरिटी के रूप में रखा जाएगा। सड़क अगर एक साल तक ठीक रहती है तो ठेकेदार को सिक्योरिटी राशि वापस कर देंगे।
पीडब्ल्यूडी शुरू से ही ठेकेदार से एक साल की गारंटी लेता आ रहा है। निगम के पास काम ज्यादा है और स्टाफ कम है। ऐसे में गारंटी पीरियड में ठेकेदार से ही सड़क ठीक करवाने का सिस्टम नहीं है। पिछले समय में एक साल के अंदर टूटी सड़कों को तभी ठीक किया गया जब शिकायत आई। निगम अफसरों ने खुद पहल नहीं की। अगले तीन महीनों में निगम सड़क निर्माण पर 70 करोड़ रुपये से ज्यादा का काम करवाएगा। इन सड़कों के काम की मॉनिटरिंग के लिए भी निगम के पास इंतजाम नहीं है। हालांकि मेयर जगदीश राजा का कहना है कि निगम के पास पर्याप्त स्टाफ है और सभी सड़कों की मॉनिटरिंग करवाई जाएगी। इसका पूरा रिकॉर्ड भी रखा जाएगा।
पीडब्ल्यूडी पर भरोसा जता रहे विधायक
शहर के विधायकों का भरोसा अब निगम की बजाय पीडब्ल्यूडी पर है। पंजाब सरकार से विकास कार्यों के लिए हर विधायक को मिल रहे 25-25 करोड़ रुपये में से आधा काम अब पीडब्ल्यडी के पास भेजा जा रहा है। पीडब्ल्यडी का काम निगम के मुकाबले कम लागत में होता है और काम की क्वालिटी भी बेहतर होती है। विधायक राजिंदर बेरी, विधायक सुशील रिंकू ने अपने इलाके में काफी काम पीडब्ल्यूडी को दिया है। बाकी विधायक भी ऐसा ही कर रहे हैं। पार्कों, इमारत निर्माण में भी पीडब्ल्यूडी को ही जिम्मेवारी दी जा रही है।
10 साल में गुरुनानकपुरा रोड पर 1.50 करोड़ बर्बाद, अब 90 लाख से वॉल टू वॉल बनाएंगे
जालंधर। शहर की सबसे खराब सड़कों में से एक गुरु नानक पुरा रोड के निर्माण पर इस बार 90 लाख रुपये खर्च होंगे। इस सड़क पर पिछले 10 साल में निर्माण पर करीब 1.50 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पिछली बार यह सड़क 2013 में बनी थी लेकिन ज्यादा समय तो लोगों को टूटी सड़क ही देखने को मिली। इस सड़क के टूटने के कई कारण थे। सबसे बड़ा कारण बरसाती पानी की निकासी का इंतजाम ना होना है। वहीं, सड़क दीवार से दीवार तक भी नहीं बनाई गई थी।
पार्षद डॉली सैनी और कांग्रेस नेता जगजीत जीता ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार के समय जो गलतियां हुई थीं, वह इस बार नहीं होगी। सड़क निर्माण से पहले ही पानी की निकासी के लिए पर्याप्त संख्या में रोड, गलियां बनाने का काम शुरू हो चुका है। सड़क वॉल टू वॉल बनाई जाएगी। इससे सड़क जल्दी नहीं टूटती थी। दोनों तरफ से दीवार के साथ-साथ तीन-तीन फुट की कंक्रीट रोड होगी बाकी सड़क लुक-बजरी की बनेगी। सड़क निर्माण के बाद एक साल तक वारंटी भी रहेगी। ठेकेदार की 10 प्रतिशत ठेका राशि निगम के पास सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा रहेगी। अगर एक साल में सड़क खराब होती है तो उसकी जिम्मेवारी ठेकेदार ही होगी। निगम के एसई रजनीश डोगरा ने कहा कि सिक्योरिटी मनी रखे जाने से सड़क निर्माण बेहतर हो रहा है। इससे ठेकेदार की जिम्मेवारी बढ़ जाती है।