डीयू कॉलेज मामले से चर्चा में आई गुरमेहर ने प्रियंका गांधी को भेंट की अपनी पुस्तक
घर की तीन महिलाओं पर आधारित अपने तरीके से अभिव्यक्ति की आजादी की लड़ाई लड़ महिलाओं पर लिखी पुस्तक गुरमेहर ने प्रियंका गांधी को भेंट की।
जेएनएन, जालंधर। आतंकवादी हमले में शहीद हुए कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी व दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर कौर ने हाल ही में प्रियंका गांधी से मुलाकात कर अपनी पुस्तक 'स्मॉल एक्ट्स ऑफ फ्रीडम' भेंट की। गुरमेहर की यह किताब पिछले साल आई थी। यह किताब उनके घर की तीन महिलाओं पर आधारित है, जिन्होंने अपने तरीके से लड़ाई लड़ अभिव्यक्ति की आजादी हासिल की। प्रियंका गांधी को किताब देने की फोटो को गुरमेहर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।
तीन महिलाओं की आजादी बयां करती है 'स्मॉल एक्ट्स ऑफ फ्रीडम'
'स्मॉल एक्ट्स ऑफ फ्रीडम' एक परिवार की तीन पीढ़ियों की एकल महिलाओं की कहानी को उजागर करती है, जिन्होंने अपनी शर्तों पर समाज का सामना किया। गुरमेहर के अनुसार इस किताब में कहानी लिखने का अंदाज जुदा है। यह अतीत और वर्तमान से गुजरती है, जिसमें 1947 से 2017 तक 70 साल की कहानी है।
गुरमेहर ने बंटवारे के बाद लाहौर से भारत आई उनकी दादी से लेकर अपने परिजन के बीच रोमांस तक, युद्ध में शहीद हुए पिता के राष्ट्रीय सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार से लेकर छात्र सक्रियता के दिनों के अपने अनुभव इस पहली पुस्तक में सांझे किए हैं। इसके अलावा प्यार की तीव्रता, परिवार की ताकत और छोटी-छोटी गतिविधियों से हुई बड़ी क्रांतियों का भी किताब में जिक्र किया गया है।
गुरमेहर ने लिखा, 'मेरी किताब एक बेटी और उसके पिता, जिसने देश की सेवा में अपनी जान कुर्बान कर दी, द्वारा छोड़ी गई यादों के बारे में है। उनके अनुसार यह किताब एक अकेली मां के बारे में है, जिसने अपने पति की विरासत आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सोशल मीडिया पर गुरमेहर ने प्रियंका गांधी के साथ पुस्तक भेंट करते लिखा है 'अपनी फेवरेट इंसान को यह किताब देते हुए मेरी एक तस्वीर।'
चर्चा में रही थी गुरमेहर
गुरमेहर कौर तब चर्चा में आई थीं जब उन्होंने डीयू कॉलेज में एबीवीपी द्वारा की गई गुंडागर्दी के खिलाफ बोला था। एबीवीपी डीयू में उमर खालिद और शहला राशिद को बुलाने के खिलाफ था और जिसको लेकर जमकर हंगामा हुआ था। गुरमेहर ने इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए एक वीडियो फेसबुक पर शेयर की थी।
एबीवीपी के खिलाफ बोलने पर गुरमेहर के खिलाफ खूब सियासत हुई थी। गुरमेहर के झूठे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए गए, लेकिन वे अपनी बात पर अडिग रहीं थी। गुरमेहर को टाइम मैगजीन ने अगली जेनरेशन के टॉप 10 लीडर्स में भी चुना।
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