कॉलेजों की 80 करोड़ की ग्रांट रुकी, शिक्षकों को वेतन देना हुआ मुश्किल Jalandhar News
पंजाब अनएडिड कॉलेज एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने मई में 115.73 करोड़ रुपये जारी किए थे। इसके बाद राज्य सरकार द्वार यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट न देने के चलते आगे की राशि नहीं मिली।
जालंधर, [कमल किशोर]। केंद्र सरकार की ओर से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप ग्रांट जारी नहीं होने के चलते कॉलेज बंद होने के साथ-साथ विद्यार्थी रोष प्रदर्शन पर उतर आए हैं। सरकार ने इस बार स्कॉलरशिप की राशि विद्यार्थियों के बैंक खाते में डालने की बात कही थी, लेकिन विद्यार्थियों के खाते में कोई पैसा नहीं आया। ऐसे में कॉलेजों की करोड़ों रुपये की राशि रुकी पड़ी है। स्टाफ सदस्यों को वेतन देने तक के लिए राशि नहीं है। कॉलेज प्रबंधन को साल 2016-17, 2017-18 व 2018-19 की स्कॉलरशिप राशि नहीं मिली है।
पंजाब अनएडिड कॉलेज एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि केंद्र सरकार ने मई में 115.73 करोड़ रुपये जारी किए थे। इसके बाद राज्य सरकार द्वार यूसी (यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट) न देने के चलते आगे की राशि नहीं जारी हुई। केंद्र व राज्य सरकार के बीच फंसे पेंच में विद्यार्थी व कॉलेज प्रबंधन पिस रहे हैं। राज्य के कॉलेजों का 1145 करोड़ बकाया राज्य के कॉलेजों की पिछले तीन साल से रुकी राशि करीब 1145 करोड़ रुपये बनती है। कई कॉलेजों का बकाया तो 5 से 20 करोड़ तक हो गया है। शहर के एडिड व अन-एडिड कॉलेजों की 80 करोड़ से अधिक राशि रुकी पड़ी है, जिसमें 12000 से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।
एडिड कॉलेज बकाया
एचएमवी 05 करोड़
डीएवी कॉलेज 07 करोड़
मेहरचंद कॉलेज 3.44 करोड़
सेंट सोल्जर 15 करोड़
सीटी ग्रुप 20 करोड़
एपीजे कॉलेज 53 लाख
एलकेसी वूमेन 1.88 करोड़
सत्यम इंस्टीट्यूट 06 करोड़
एसडी कॉलेज 1.57 करोड़
केसीएल आइएमटी 4 करोड़
एलकेसी इंजीनियरिंग 5 करोड़
पंजाब अन-एडिड कॉलेज एसोसिएशन के प्रधान अनिल चोपड़ा ने कहा कि रुकी हुई पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप न मिलने से कॉलेज एनपीए होने के कगार पर आ गए हैं। शहर के कालेजों की 80 करोड़ से अधिक स्कालरशिप पेंडिंग है। कॉलेजों में चार से पांच बार ऑडिट हो चुकी है, लेकिन ग्रांट रिलीज नहीं हुई है।
सीटी ग्रुप के एमडी मनबीर चन्नी ने बताया कि राज्य सरकार कालेजों द्वारा पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप घोटाला की बात कह रही है। सरकार को चाहिए जो कॉलेज घोटाले में संलिप्त है, उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे। स्कॉलरशिप न जारी होने की वजह से शिक्षकों को वेतन देना मुश्किल हो रहा है।
केसीएल-आइएमटी के डायरेक्टर डॉ. सुनील कुमार सूद ने कहा कि करोड़ों रुपये का बकाया रुका है। इसके चलते आने वाले महीनों में कालेजों का सर्वाइव करना मुश्किल हो जाएगा। सरकार को चाहिए जल्द स्कॉलरशिप जारी करे।
हंसराज महिला महाविद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. अजय सरीन ने कहा कि कालेज प्रबंधन एससी विद्यार्थियों का दाखिला दे रहा है। सरकार की जिम्मेवारी बनती है कि कालेजों की रुकी स्कालरशिप राशि जारी करें।
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