Fit India मुहिम में सरकारी स्कूल भी शामिल, तीन चरण पूरे करने के बाद मिलेगा बड़ा दर्जा
प्रधानमंत्री की तरफ से 29 अगस्त को फिट इंडिया मुहिम शुरू की थी। समाज का हर शख्स फिट रहे इसलिए अब इसमें स्कूलों को भी जोड़ा गया है।
जालंधर [अंकित शर्मा]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिट इंडिया मुहिम के साथ अब देश भर के स्कूल भी जुड़ेंगे। इसके तहत स्कूलों को फिट इंडिया, फिट इंडिया थ्री स्टार और फिट इंडिया फाइव स्टार का दर्जा मिलेगा। जो स्कूल इस मिशन से जुडऩा चाहते हैं, उनके लिए युवा एवं खेल मंत्रालय (खेल विभाग) ने मापदंड जारी कर दिए हैं। डिप्टी डायरेक्टर स्पोर्ट्स सुनील कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री की तरफ से 29 अगस्त को फिट इंडिया मुहिम शुरू की थी। समाज का हर शख्स फिट रहे इसलिए अब इसमें स्कूलों को भी जोड़ दिया है।
इसके तीन चरण बनाए हैं। पहले चरण में फिट इंडिया स्कूल है। अगर कोई स्कूल इसकी सभी शर्तें पूरी करता है तो वह आनलाइन दावेदारी पेश कर सकता है। इसके बाद एचएमआरडी की तरफ से मापदंड पूरा करने पर उसे सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। फ्लैक्स लगाकर स्कूल प्रमुख फिट इंडिया स्कूल में शामिल होने का प्रचार करेंगे। इसके बाद फिट इंडिया थ्री स्टार और फाइव स्टार की शर्तें पूरी करेंगे।
ये हैं मापदंड
- स्कूल के फिजिकल एजुकेशन शिक्षक शारीरिक तौर पर पूरी तरह फिट हो।
- स्कूल में खेल मैदान हो, जहां दो या इससे अधिक खेल होते हों।
- फिजिकल एजुकेशन के पीरियड में स्पोर्ट्स, डांस, पीटी, खेल, योगासन जरूरी हैं।
- सभी छात्र 60 मिनट या इससे अधिक समय तक रोजाना शारीरिक गतिविधियां करें।
फिट इंडिया थ्री स्टार स्कूल
- स्कूल का हर शिक्षक शारीरिक तौर पर फिट हो, रोजाना 60 मिनट या इससे अधिक तक शारीरिक गतिविधियों में भाग लें।
- स्कूल की तरफ से कम से कम दो टीचर ट्रेनर के तौर पर तैयार किए जाएं जो किन्हीं दो खेलों में भाग लें।
- स्कूल में खेल सुविधाओं को प्रोत्साहित करते हुए दो इंडोर और दो आउटडोर सहित चार खेल करवाए जाएं।
- रोजाना बच्चों को कोई दो पारंपरिक और लोकल खेल खिलाई जाएं।
फिट इंडिया फाइव स्टार स्कूल
(थ्री स्टार के मापदंड पूरा करने वाले स्कूल ही फाइव स्टार के लिए आवेदन कर सकते हैं)
- स्कूल की तरफ से मासिक तौर पर इंटर स्कूल स्पोर्ट्स प्रतियोगिता और सालाना स्पोर्ट्स डे होना चाहिए।
- स्कूल की तरफ से दो या इससे अधिक खेल कोच रखे जाएं। ये फिजिकल एजुकेशन के शिक्षक भी हो सकते हैं।
- स्कूलों की तरफ से सभी बच्चों की शारीरिक फिटनेस को लेकर असेसमेंट की जाए।
- खेल मैदान को स्कूल समय के बाद भी खुला रखें, ताकि नजदीक के लोग वहां आकर खेल सकें। इसके लिए स्कूल खेल मैदान व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नाममात्र फीस भी ले सकते हैं।
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