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जालंधर में सीएंडडी वेस्ट प्लांट का रास्ता साफ, 5 साल के लिए स्टाफ मिला; ग्रीन वेस्ट उठाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियों के टेंडर को भी मंजूरी

जालंधर नगर निगम की वित्त एवं ठेका कमेटी ने मंगलवार को कई महत्वपूर्ण टेंडरों को मंजूरी दे दी है। सीएंडडी वेस्ट प्लांट को चलाने के लिए पांच साल का स्टाफ मिल गया है। वहीं ग्रीन वेस्ट व कूड़ा उठाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियों के टेंडर को भी मंजूरी मिल गई है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 09:23 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 06:05 AM (IST)
जालंधर में सीएंडडी वेस्ट प्लांट का रास्ता साफ, 5 साल के लिए स्टाफ मिला; ग्रीन वेस्ट उठाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियों के टेंडर को भी मंजूरी
जालंधर में सीएंडडी वेस्ट प्लांट का रास्ता साफ हो गया है।

जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम की वित्त एवं ठेका कमेटी ने मंगलवार को कई महत्वपूर्ण टेंडरों को मंजूरी दे दी है। मलबे को प्रोसेस करके इंटरलाकिंग टाइल्स बनाने वाले सीएंडडी वेस्ट प्लांट को चलाने के लिए पांच साल का स्टाफ मिल गया है। इस पर 79.57 लाख रुपए खर्च आएगा। वहीं शहर में सेंट्रल वर्ज और सड़कों के किनारों से ग्रीन वेस्ट और कूड़ा उठाने के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों के टेंडर को भी मंजूरी मिल गई है। यह दोनों ही टेंडर शहर में सफाई व्यवस्था और वातावरण संरक्षण के लिए अहम हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी ने गदईपुर में सीएंडडी वेस्ट प्लांट लगाया है। इसे चलाने के लिए रिलायबल सर्विस को ठेका दिया गया है।

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त आदेश है कि शहर में इमारतों, सड़कों के मलबे को रियूज किया जाए क्योंकि जगह-जगह फेंके जाने से यह वायु प्रदूषण का कारण बन रहे हैं। अब गदईपुर के प्लांट में मलबे से इंटरलाकिंग टाइल्स बनाई जाएंगी और इन्हें शहर में सड़कों, फुटपाथों के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रैक्टर-ट्रालियों को किराए पर लेने का टेंडर पास होने से भी निगम अधिकारियों को राहत मिली है क्योंकि डंपों से कूड़ा उठाने का टेंडर पहले ही खत्म हो गया है और शहर में कूड़ा प्रबंधन खराब हालात में हैं। अगर ट्रैक्टर-ट्रालियों को टेंडर पास ना होता तो हालात और खराब हो सकते थे।

वित्त कमेटी की मीटिंग में कुल 4.93 करोड़ के काम के प्रस्ताव थे जिनमें से 4.64 करोड़ के काम पास किए हैं। दो टेंडर दोबारा लगाने के आदेश दिए हैं। इनमें वार्ड नंबर 43 में राधा स्वामी डेरे के पास सीवरलाइन और इंडस्ट्रीयल एस्टेट एवं वार्ड नंबर 4 के रेरू पिंड में टयूबवेल लगाने का काम शामिल है। ठेकेदार ने टयूबवेल पर आधा प्रतिशत और सीवर लाइन के काम पर 2 प्रतिशत लैस दिया था, इस वजह से मेयर जगदीश राजा ने इसे रद किया। वहीं एक ही काम के दो अलग-अलग एस्टीमेट लगाए गए थे और दोनों के रेट में करीब 100 प्रतिशत का अंतर था। जांच के बाद इसे रद कर दिया गया।

बैठक में वार्ड नंबर 39 में शहंशाह पैलेस के पास पानी की सप्लाई लाइन, 66 फुट रोड पर स्ट्रीट लाइट पोल शिफ्टिंग, वार्ड नंबर 71 में सीवरेज लाइन, भार्गव कैंप के वार्ड नंबर 35 के इलाके और माडर्न एस्टेट का काम मंजूर किया है। सीवर जैटिंग मशीनों की रिपेयर भी करवाया जाएगा। नगर निगम के कम्यूनिटी फैसिलिटेशन सेंटर-सीएफसी सेंटरों को 1 साल की एक्सटेंशन दी गई है।


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