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गोल्डन मेमोरीज कार्ड लांच, यादगार बना बेटियों का जन्म

ग्रामीण परिवेश में जन्म लेने वाली बेटियों के जन्म को यादगार बनाने क

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jan 2018 10:29 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jan 2018 10:29 PM (IST)
गोल्डन मेमोरीज कार्ड लांच, यादगार बना बेटियों का जन्म
गोल्डन मेमोरीज कार्ड लांच, यादगार बना बेटियों का जन्म

जागरण संवाददाता, जालंधर : ग्रामीण परिवेश में जन्म लेने वाली बेटियों के जन्म को यादगार बनाने के लिए एसडीएम शाहकोट नवनीत कौर बल ने जो ताना-बाना बुना था, बुधवार को डिप्टी कमिश्नर व¨रदर कुमार शर्मा ने हंसराज महाविद्यालय (एचएमवी) में गोल्डन मेमोरीज कार्ड लांच कर उस सपने को पंख लगा दिए। पूरे कार्यक्रम में वे बेटियों के पिता की भूमिका में दिखे।

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नवजन्मी बच्चियों के परिजनों को गोल्डन मेमोरीज कार्ड देने के लिए बुधवार को जिला प्रशासन ने एचएमवी कॉलेज में कार्यक्रम रखा था। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के 10 महिलाओं को कार्ड दिया गया। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाली बेटियों को सरकार की ओर से छह पन्नों वाली बेबी बुक के रूप में गोल्डन मेमोरीज कार्ड अस्पताल से डिस्चार्ज के साथ सौंपा जाएगा। इस कार्ड की खास बात यह है कि इसमें बेटी के जन्म के पहले फोटो के साथ फैमिली ट्री (पूरे परिवार का ब्यौरा) भी दर्ज होगा, साथ ही लड़कियों को कब और किस प्रकार का भोजन दिया जाना है व कौन से वेक्सीन कब-कब दिए जाने हैं, इसका भी पूरा ब्यौरा दर्ज है। पहला गोल्डन मेमोरी कार्ड दकोहा निवासी पर¨वदर कौर को दिया गया। उन्होंने दो सप्ताह पहले ही एक बेटी को जन्म दिया है, जिसे वंचिता नाम दिया गया है।

इस दौरान डीसी व¨रदर कुमार शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन के सार्थक प्रयासों के चलते जिले में 2016-17 में प्रति 1000 पर 897 बेटियों की तुलना में नवंबर 2017 तक प्रति एक हजार 915 बेटियों के तक आंकड़ा पहुंचा है। फिर भी बेटियों का रेशियो गिरने न पाए, इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किए जाएंगे। शिक्षा के बिना ये संभव नहीं हो सकता है, ऐसे में स्कूल, कॉलेजों की भूमिका इस दिशा में ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस मौके पर एचएमवी की ¨प्रसिपल डॉ.अजय सरीन, जिला प्रोग्राम अधिकारी अमरजीत ¨सह भुल्लर, जिला गाइडेंस काउंसलर सुरजीत लाल, डिप्टी डिस्ट्रिक्ट एजूकेशन ऑफीसर गुरप्रीत कौर, डायरेक्टर रूडसैट जगदीश कुमार, मेरीटोरियस स्कूल के ¨प्रसिपल रमन भी मौजूद थे। मंच का संचालन बड़े ही शायराना अंदाज में डीपीआरओ मन¨वदर ¨सह ने किया।

ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म लेने वाली लड़कियों की नहीं रहती थीं यादें

मेमोरी कार्ड का कंसेप्ट तैयार करने वालीं एसडीएम शाहकोट नवनीत कौर बल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में काम करते हुए उन्होंने महसूस किया कि शहर में जन्म लेने वाली लड़कियों को अपने जन्म की यादों को सुनहरी यादें बनाने के लिए बहुत से मौके होते हैं, लेकिन गांव में जन्म लेने वाली लड़कियों के सपने अपने नहीं हो पाते। उनकी यादें किसी दस्तावेज का रूप नहीं ले पाती हैं। बल ने बताया कि गांव की बेटियों का भी सुनहरी यादों का दस्तावेज बने, इससे लोगों के बेटियों के प्रति पॉजीटिव सोच को बढ़ावा देना भी है, साथ ही पूरा रिकार्ड भी तैयार होगा कि गरीब घरों में जन्म लेने वाली बेटियों का रेशियो क्या है एवं उनकी ग्रोथ ठीक प्रकार से हो रही है या नहीं। ¨लगानुपात सुधारने के लिए ये प्रयास मील का पत्थर साबित हो सकता है।

स्टार बेटियां देने वाला चुना स्थल

सुनहरी यादों का सफर शुरू करने के लिए जिला प्रशासन ने एचएमवी के रूप में ऐसे स्थल का चयन किया, जिसने भारतीय महिला क्रिकेट को हरमनप्रीत कौर जैसी स्टार खिलाड़ी के साथ ही आइएएस की परीक्षा में देश भर में टॉप करने वाली भावना गर्ग जैसी बेटियां दी हैं। मोगा में जन्मी हरमन का राष्ट्रीय क्रिकेट में इसी कॉलेज में ग्रेजुएशन के दौरान ही पदार्पण हुआ था।


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