बिजली के बिल दें या श्रमिकों को राशन
इस वक्त उद्योगपति भारी असमंजस में हैं कि बिजली के बिलों की अदायगी करें या अपने श्रमिकों के लिए राशन का प्रबंध करें।
जागरण संवाददाता, जालंधर : इस वक्त उद्योगपति भारी असमंजस में हैं कि बिजली के बिलों की अदायगी करें या अपने श्रमिकों के लिए राशन का प्रबंध करें। शुक्रवार को जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन की नरेंद्र सिंह सग्गू की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान उद्योगपतियों ने सरकार के समक्ष कुछ मांगें रखी। इस दौरान सग्गू ने बताया कि सरकार की तरफ से एलएस कनेक्शन धारकों के लिए शुक्रवार को भी कोई घोषणा नहीं की गई, जिससे उद्योगपतियों में भारी निराशा है। इस वक्त उद्योग जगत आर्थिक तंगी से घिरा है। एक तरफ सरकार बिजली के बिल मांग रही है, दूसरी तरफ श्रमिकों का पलायन रोकने के लिए उन्हें राशन व वेतन देना भी जरूरी है। इस वजह से उद्योगपतियों की तरफ से अपनी समर्था के मुताबिक आधे बिल जमा कराए हैं, लेकिन सरकार से मांग है कि एलएस कनेक्शन धारकों पर किसी तरह का कोई सरचार्ज ना लगाया जाए। बैठक के दौरान सरकार से मांग की कि 10 फीसद रिफंड तत्काल बैंक अकाउंट में डाला जाए।
सग्गू ने कहा कि बाहरी राज्यों के श्रमिकों के लिए फार्म भरवाने की मुहिम को बंद करना सरकार का एक अच्छा कदम था, क्योंकि इससे सोशल डिस्टेंसिग का सिद्धांत खत्म हो जाता। उन्होंने कहा कि सरकार के पास पहले से डाटा उपलब्ध है और श्रमिकों के लिए तत्काल राहत प्रदान की जानी चाहिए।
बैठक के दौरान राजीव मित्तल ने सुझाव दिया कि बैंकों को उद्योगपतियों को ओवरड्राफ्ट जैसी राहत देने के निर्देश जारी किए जाएं। पुनीत गुप्ता ने कहा कि कुछ बैंकों से अभी भी ईएमआइ न लिए जाने संबंधी घोषणा नहीं की गई। इसलिए ऐसे बैंकों को भी सरकार बिना ब्याज ईएमआइ न लिए जाने संबंधी निर्देश जारी करे। भूपेंद्र सिंह जॉली व पुनीत गुप्ता ने यह मांग भी रखी कि केंद्र सरकार के पास जनधन योजना के तहत खोले बैंक खातों का सारा डाटा उपलब्ध है और सरकार उसमें फंड ट्रांसफर करें ताकि राहत मिल सके।