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आइसोलेशन वार्ड में दाखिल युवती बोली, मैंने निजामुद्दीन स्टेशन से यात्रा की थी, मम्मी-पापा को क्यों परेशान कर रहे

युवती का कहना है कि उसने पुणे जाने के लिए हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गाड़ी पकड़ी थी। उसके पास जो मोबाइल फोन है वो मां के नाम पर है। अब प्रशासन माता-पिता को परेशान कर रहा है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 03:49 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 03:49 PM (IST)
आइसोलेशन वार्ड में दाखिल युवती बोली, मैंने निजामुद्दीन स्टेशन से यात्रा की थी, मम्मी-पापा को क्यों परेशान कर रहे
आइसोलेशन वार्ड में दाखिल युवती बोली, मैंने निजामुद्दीन स्टेशन से यात्रा की थी, मम्मी-पापा को क्यों परेशान कर रहे

जालंधर, जेएनएन। सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल दंपती की बेटी ने सेहत विभाग के रवैये को लेकर रोष जताया है। पुणे में नौकरी करने वाली रौणक ने बताया कि यात्रा उसने की लेकिन कोविड-19 को लेकर सेहत विभाग जांच-पड़ताल उसके परिजनों की कर रहा है। उनके माता-पिता का निजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज से कोई संबंध नहीं है। वह शुगर और हार्ट की बीमारी की वजह से पिछले काफी अर्से से दिल्ली नहीं गए। वह पुणे जा रही थी और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गाड़ी पकड़ी थी। उनके पास जो मोबाइल फोन है वो मां के नाम पर है। पिछले कुछ दिनों से पुलिस प्रशासन और सेहत विभाग की ओर से काफी फोन कॉल आ रही है और वह उन्हें जवाब दे रही है। पुलिस प्रशासन को इस संबंध में संतुष्ट भी किया गया। इसके बावजूद सेहत विभाग की टीमों जिद कर रही है कि उनके माता पिता को अस्पताल में भर्ती कर कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल भेजने है। 

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सेहत विभाग की टीम उन्हें सिविल अस्पताल में लेकर गई, जहां कोरोना वायरस के मरीज भर्ती थे। अस्पताल में अव्यवस्था का आलम था। इस दौरान शुगर और हार्ट के मरीज को वहां संदिग्ध मरीजों के बीच रखना वाजिब नहीं है। मौके के हालत को देखते हुए माता पिता वहां मौजूद डाक्टरों व पुलिस प्रशासन को सूचित कर घर वापस लौट आए थे।

बेटा बोला- माता-पिता को संक्रमण का खतरा

उसके बाद, देर रात पुलिस और सेहत विभाग की टीम उनके घर आई और उन्हें दोबारा अस्पताल ले गई। उन्हें रविवार को सैंपल लेने के बाद घर भेजने का आश्वासन दिया था परंतु अभी तक वो घर नहीं पहुंचे। उन्हें जनरल वार्ड में रखा गया है जहां उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा है। उनके बेटे इमरान ने कहा कि वह सिविल अस्पताल के इंतजाम से संतुष्ट नहीं हैं। वहां कोरोना संदिग्ध मरीजों के बीच उनके माता-पिता को संक्रमण का खतरा हो सकता है। मामले को लेकर पूरा परिवार मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहा है।

लिस्ट में नाम था इसीलिए सैंपल लिए जा रहे

सिविल सर्जन डॉ. गुरिंदर कौर चावला का कहना है कि सेहत विभाग के आला अधिकारियों के आदेश थे कि हजरत निजामुद्दीन से संबंधित जो सूची भेजी गई है उनमें शामिल सभी लोगों को अस्पताल में दाखिल कर उनके सैंपल जांच के लिए भेजे जाएं। उक्त परिवार का नाम भी लिस्ट में शामिल थे इसी कारण उनके सैंपल लिए जा रहे हैं। 


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