इस विजयदशमी पर सामाजिक बुराइयों पर पाएं विजय
कोरोना महामारी के इस दौर में बदी पर नेकी की जीत के इस पर्व के संदेश को सार्थक करने के लिए सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लें।
जागरण संवाददाता, जालंधर
कोरोना महामारी के इस दौर में बदी पर नेकी की जीत के इस पर्व के संदेश को सार्थक करने के लिए सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लें। दशहरा पर्व भी बुराइयों के खात्मे का संदेश देता है। यह कहना है शहर के लोगों का। उनका कहना है कि इस बार दशहरे का त्योहार सार्वजनिक तौर पर कुछ लोगों द्वारा ही मनाया जा रहा है। गली-मोहल्ला स्तर पर एक पुतला जलाकर बच्चे खुशियां मनाएंगे। शहर की प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधि कोरोना को देखते हुए घर की चारदीवारी में रहकर ही दशहरा मनाने का आह्वान किया। दशहरे पर नेक कार्य करने का लें संकल्प : तरसेम कपूर
श्री महाकाली मंदिर दशहरा कमेटी के प्रधान तरसेम कपूर ने इस बार दशहरा जीवन में नेक कार्य करने का संकल्प लेकर मनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि बदी पर नेकी की जीत के इस पर्व पर समाज सेवा के लिए प्रण करना चाहिए। सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें : राजेश विज
श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के महासचिव राजेश विज कहते हैं कि इस बार दशहरा पर अपने भीतर के रावण को नष्ट करने का प्रण करना होगा। दशहरे पर रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों के साथ बदी का दहन किया जाता है। इस बार सभी को खुद में सकारात्मक सोच का संचार करके इस पर्व को मनाना होगा। बच्चों को धर्म का ज्ञान देकर मनाएं दशहरा : सुरेश सहगल
देवी तालाब दशहरा प्रबंधक कमेटी के प्रधान व पूर्व मेयर सुरेश सहगल ने इस बार दशहरा पर बच्चों को धर्म का ज्ञान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दशहरा का मकसद भी धर्म का ज्ञान देना व भारतीय संस्कृति का प्रचार करना ही है। इसे घर में रहकर बच्चों को ज्ञान देकर मनाया जा सकता है। नशा व भ्रष्टाचार का नाश करने का लें संकल्प : पविंदर बहल
जिला व्यापार मंडल के प्रधान पविदर बहल बताते हैं कि इस बार कोरोना महामारी के चलते घर की चारदीवारी में ही इसे मनाना चाहिए। सभी को नशा व भ्रष्टाचार के खिलाफ संकल्प लेना चाहिए। पांच विकारों के नाश का लें संकल्प : महंत केशव दास
बावा लाल दयाल आश्रम, बस्ती गुजां दिलबाग नगर के उत्तराधिकारी महंत केशव दास बताते हैं कि इंसान के जीवन में पांच विकारों का नाश भी रावण के दहन से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने भीतर काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार के नाश करने का संकल्प लेकर इस पर्व को मनाना चाहिए।