पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन हैं जालंधर की परेड के असल कमांडर Jalandhar News
जालंधर के गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम के मंच से बीते 28 वर्ष से गूंज रही एक कड़क आवाज परेड को दुरुस्त कर डालती है।
जालंधर, जेएनएन। उम्र 87 वर्ष है, लेकिन जालंधर के गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम के मंच से बीते 28 वर्ष से गूंज रही एक कड़क आवाज परेड को दुरुस्त कर डालती है। परेड कर रहे सैनिकों एवं जवानों से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी तक परेड की तैयारी में इस कड़कती आवाज को ही फॉलो करते हैं। बात पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह की हो रही है, जो एक बार फिर से (28वीं बार) गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर होने वाली परेड एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी को अंतिम रूप दे चुके हैं। सेना की फील्ड रेजिमेंट से सन 1987 में प्रीमेच्योर रिटायरमेंट लेने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह की सिलेक्शन सैनिक कल्याण विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर हुई थी। कर्नल मनमोहन ने कुछ इस कदर अपनी कारगुजारी दिखाई कि पंजाब सरकार ने उन्हें दो बार स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया और 19 बार उन्हें एक्सटेंशन दिया।
अपने कार्यकाल के अंतिम 10 साल में लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह ने मिसाल बनते हुए हर माह एक रुपया वेतन ही लिया। लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह ने 1992 में जालंधर में होने वाले गणतंत्र एवं स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियां करवानी शुरू की थी, जो 28 वर्ष बाद भी बदस्तूर जारी हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो जनरल रणबीर के पिता हैं लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह
ले. कर्नल मनमोहन सिंह भारतीय सेना की ऊधमपुर (जम्मू एवं कश्मीर) स्थित नॉर्दर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसीइनसी) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह के पिता हैं। ले. जन. रणबीर सिंह को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी कैंपों के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक का हीरो माना जाता है।
सूबे के युवाओं को सेना में भर्ती के लिए किया तैयार
सैनिक कल्याण विभाग में वर्ष 2013 तक सेवारत रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह ने पंजाब के युवाओं को रक्षा, अर्ध सैनिक बल एवं पुलिस में भर्ती होने के लिए तैयारी कराने का एक बड़ा दायित्व भी निभाया। मनमोहन सिंह की तरफ से जिला सैनिक कल्याण कार्यालय जालंधर में प्री रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग कैडर भी चलाए गए।
लड़कियों को रक्षा सेवाओं में जाने के लिए किया प्रेरित
रक्षा सेवाओं में लड़कियों की ऑफिसर के रूप में एंट्री शुरू हुई तो उन्होंने लड़कियों के लिए विशेष कैडर की शुरुआत की। उनसे ट्रेनिंग लेकर कई लड़कियां ऑफिसर बनीं। बीएसएफ ने देश भर में पहली महिला बटालियन स्थापित की तो उसमें भर्ती होने वाली 130 लड़कियां ऐसी थीं, जिन्होंने मनमोहन सिंह से ट्रेनिंग ली थी।
शहीद सैनिकों के परिजनों को दिलाई नौकरी
देश की सरहदों की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले सैनिकों के परिजनों के लिए भी लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह मानो परिवार का ही एक हिस्सा है। लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह ने पंजाब सरकार के साथ संपर्क साधकर शहीदों के कई परिजनों को अब तक सरकारी नौकरियां भी दिलाई हैं।
कर चुके हैं 10 पोस्ट ग्रैजुएशन, शायरी के हैं शौकीन
मौजूदा समय में अर्बन एस्टेट में रह रहे बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह ने रिटायरमेंट के बाद 10 पोस्ट ग्रेजुएशन की हैं, इनमें उर्दू भी शामिल है। वर्तमान में वह उर्दू में शायरी करना पसंद करते हैं। वह रोजाना अपने परिचितों को शेयर भेजना नहीं भूलते हैं।