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ट्रस्ट की अनदेखी से कूड़े का डंप बन चुका है सूर्या एंक्लेव एक्सटेंशन

इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की अनदेखी और लापरवाह रवैये से सूर्या एंक्लेव एक्सटेंशन के लोगों को अपने प्लाटों की पूरी राशि जमा करवाने के बावजूद न कोई सुविधा मिल पा रही है और न ही कॉलोनी में किसी तरह का कोई विकास कार्य ही हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 03:23 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 03:23 PM (IST)
ट्रस्ट की अनदेखी से कूड़े का डंप बन चुका है सूर्या एंक्लेव एक्सटेंशन
ट्रस्ट की अनदेखी से कूड़े का डंप बन चुका है सूर्या एंक्लेव एक्सटेंशन

जागरण संवाददाता, जालंधर : इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की अनदेखी और लापरवाह रवैये से सूर्या एंक्लेव एक्सटेंशन के लोगों को अपने प्लाटों की पूरी राशि जमा करवाने के बावजूद न कोई सुविधा मिल पा रही है और न ही कॉलोनी में किसी तरह का कोई विकास कार्य ही हुआ है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगने के चलते पूरी कॉलोनी कचरे का डंप बन गई है। यह आरोप लगाया है सूर्या एंक्लेव एक्सटेंशन के अलाटियों ने। सूर्या एंक्लेव एक्सटेंशन वेलफेयर सोसायटी के प्रधान एमएल सहगल व सोसायटी के अन्य पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर कहा कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने उनके साथ धोखा किया है। सहगल ने कहा कि ट्रस्ट ने अगस्त 2011 में 17 हजार प्रति गज के हिसाब से अलग-अलग साइज के 431 प्लाट बेचने की 94.7 एकड़ स्कीम निकाली थी। ट्रस्ट द्वारा लोगों को जो प्लाट दिए गए थे, उनमें से कुछ प्लाटों की जमीन पर स्टे था और हाईकोर्ट में केस चल रहा था। पर ट्रस्ट द्वारा अलॉटियों को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा कि हालाकि, दिसंबर 2015 में स्टे हट जाने से लोगों की परेशानी हल हो गई थी। सोसायटी के पदाधिकारियों का कहना था कि सूर्या एंक्लेव एक्सटेंशन के अधिकतर अलाटी सीनियर सीटिजन हैं। इन्होंने अपना पूरा पीएफ का पैसा प्लाट खरीदने पर लगा दिया है। किसी ने 40 लाख तो किसी ने इससे भी ज्यादा। पर जीवन भर की पूरी पूंजी ट्रस्ट को दे देने के बावजूद यहा कोई विकास नहीं करवाया गया। न सीवरेज बिछाया गया, न पानी की पाइपें। बिजली की पर्याप्त सुविधा नहीं है और न ही सड़कें ही बनाई गईं हैं। कहा कि ट्रस्ट की लापरवाही के चलते इस पॉश कालोनी को आसपास के लोगों द्वारा गारबेज डंप बना दिया गया है। 2016 में भी 2011 के रेट पर बेचे प्लाट

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सोसायटी के सदस्यों का कहना था कि 2011 में भी ट्रस्ट ने उन्हें 17 हजार रुपये प्रति गज के हिसाब से प्लाट बेचे थे। जबकि 2016 में भी ट्रस्ट ने इसी कालोनी में बचे हुए 218 प्लाटों को इतनी ही कीमत पर बेचने के लिए आवेदन मागे थे। 20 मई 2016 को ड्रा निकाला गया था। पर पाच साल पहले जितनी कीमत पर भी केवल 139 लोगों द्वारा प्लाटों के लिए आवेदन किया गया था। अतिक्रमण नहीं हटाने से दमोरिया पुल से नहीं जुड़ सकी 120 फुटी सड़क

सूर्या एंक्लेव एक्सटेंशन वेलफेयर सोसायटी के प्रधान एमएल सहगल, महासचिव जेएम शर्मा, संयुक्त सचिव भारत भूषण खुल्लर आदि ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ट्रस्ट की लापरवाही के चलते अभी तक कालोनी से होकर गुजर रही 120 फुटी रोड को दमौरिया पुल से भी नहीं जोड़ा जा सका है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ एक फैक्ट्री द्वारा किया गया अतिक्त्रमण नहीं हटा पाने के चलते यह 120 रोड दमौरिया पुल से नहीं जोड़ी जा सकी है। सोसायटी के पदाधिकारियों का कहना था कि फैक्ट्री मालिक द्वारा कोर्ट में लिखकर एफिडेविट दिया गया है कि सड़क बनाए जाने के लिए वो जगह खाली कर देंगे। पर अभी तक ऐसा नहीं किया गया है। सोसायटी के पदाधिकारियों का कहना था कि ट्रस्ट को जल्द विकास कार्य शुरू करना चाहिए, सीवरेज और लाइट की व्यवस्था करनी चाहिए, 120 फुटी रोड पर से अतिक्त्रमण हटाना चाहिए, कॉलोनी से कचरा वमलबा जल्द हटवाना चाहिए और जिन पुराने अलाटियों द्वारा 2014 तक पूरी राशि जमा करवा दी गई है तथा उनकी किश्तों के साथ लिया गया ब्याज लौटाना चाहिए।


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