पंजाब पुलिस के लिए सिरदर्द बने विदेश में बैठे गोल्डी बराड़ जैसे गैंगस्टर, भागने से रोकने में नाकाम रहीं सुरक्षा एजेंसियां
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने एक बार विदेश में बसे गैंगस्टरों के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास न किए जाने को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गैंगस्टरों के समय पर रेड कार्नर नोटिस जारी हों तो उन्हें विदेश भागने से रोका जा सकता है।
मनोज त्रिपाठी, जालंधर: पंजाबी गायक शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने एक बार विदेश में बसे गैंगस्टरों के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास न किए जाने को लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विदेश में बसे गैंगस्टरों का पंजाब में पिछले समय के दौरान हुईं आतंकी घटनाओं और हत्याओं में नाम तो सामने आया, लेकिन उनके प्रत्यपर्ण के लिए कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है। पुलिस ने पाकिस्तान में बसे हरविंदर सिंह और कनाडा में बसे गोल्डी बराड़ के रेड कार्नर नोटिस तो जारी किए, लेकिन तब जब वह विदेश भाग चुके थे।
गोल्डी बराड़ ने ली सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी
जानकारों के अनुसार, अगर गैंगस्टरों के समय पर रेड कार्नर नोटिस जारी हों तो उन्हें विदेश भागने से रोका जा सकता है। बड़ी घटनाओं को अंजाम देने वाले यह गैंगस्टर विदेश में बस गए हैं और वहां से पंजाब को निशाना बना रहे हैं। इनमें से हरविंदर सिंह रिंदा का नाम पुलिस के खुफिया विभाग के मुख्यालय सहित कई अन्य आतंकी घटनाओं में सामने आ चुका है और गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी भी ली है। जालंधर में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष सुखमीत डिप्टी की हत्या, फरीदकोट में कांग्रेसी नेता गुरलाल पहलवान की हत्या के मामलों में भी विदेश में बैठे गैंगेस्टरों के स्थानीय गैंगस्टरों के साथ संबंधों से पर्दा उठ चुका है।
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पंजाबी गायक मनकीरत औलख से भी मांगी जा रही फिरौती
गैंगस्टरों द्वारा चार साल पहले पंजाबी कलाकार परमीश वर्मा और उसके बाद गिप्पी ग्रेवाल को धमकियां देकर फिरौती मांगी गई। अब सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाबी गायक मनकीरत औलख से भी फिरौती मांगी जा रही है। परमीश से फिरौती के मामले में गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह को चंडीगढ़ से एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। जालंधर में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबिया की हत्या की जिम्मेदारी दविंदर बंबीहा गैंग ने ली थी। इसकी भी सुपारी कनाडा में दी गई थी।
लारेंस बिश्नोई और दविंदर बंबीहा गैंग सबसे चर्चित
गैंगस्टर विक्की गौंडर, सुक्खा कहलवां और जयपाल जैसे गैंस्टरों के मारे जाने के बाद उनके करीबी इंटरनेट मीडिया के जरिए गैंग के नाम को जिंदा रखना चाह रहे हैं। कई गैंगस्टर जेलों में बंद हैं और वहां से ही नशे, हथियारों और फिरौती का धंधा चला रहे हैं। मौजूदा समय में सबसे ज्यादा चर्चित लारेंस बिश्नोई और दविंदर बंबीहा गैंग हैं, जिसके सदस्य कनाडा में बैठे गैंगस्टरों के संपर्क में हैं।
यह गैंग बने पुलिस के लिए सिरदर्द:-
1.लारेंस बिश्नोई
2.दविंदर बंबीहा
3.जसप्रीत सिंहगोपी धनश्यामपुरिया
4.जयपाल
5.सरज मिंटू
6.गुरबक्श सिंह सेवेवाल
7.रविचरन सिंह रवि
8. कुलप्रीत सिंग नीटा देयोल
9.दिलप्रीत सिंह दहंन
10. तीरथ सिंह ढिलवां
11.गुरप्रीत सिंह सेखों
12.सुक्खा कहलवां (कहलवां की मौत के बाद सदस्य गैंग को आपरेट कर रहे हैं)
13.विक्की गौंडर गैंग (विक्की के एनकाउंटर के बाद उसके साथी गैंग को आपरेट कर रहे हैं)
14.जग्गू भगवानपुरिया
15.सुप्रीत सिंह हैरी
विदेश में बसे गैंगस्टर और विदेशी गैंग, जिनके संपर्क में हैं पंजाब के गैंगस्टर
लखबीर सिंह लंडा और गोल्डी बराड़ कनाडा में है। वहीं विदेशी गैंग भूपिंदर सिंह उर्फ बिंदी जोहल गैंग के सदस्य, कोलंबिया में ब्रदर्स कीपर्स गैंग व मल्ही बट गैंग, कनाडा में धक-धुरे गैंग व धालीवाल गैंग, वेंकूवर में इंडिपेंडेंड सोल्जर्स गैंग व कंग-बीबो गैंग, पंजाबी माफिया गैंग, संघेड़ा गैंग, अर्मेनिया में गौरव पटियाल गैंग आदि पंजाबी गैंगस्टरों की मदद भी करते हैं और विदेश आने पर पनाह भी देते हैं।
आइएसआइ की नजरें हैं लोकल गैंगेस्टरों पर
गैंगस्टर हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संपर्क में है। आइएसआइ उसके जरिए पंजाब के स्थानीय गैंगेस्टरों की मदद से खालिस्तान का एजेंडा आगे बढ़ा रही है। आइएसआइ पंजाब में आतंकी गतिविधियों के लिए पहले वाधवा सिंह उर्फ चाचा उर्फ बब्बर, लखबीर सिंह उर्फ रोडे, रंजीत सिंह उर्फ नीटा, परमजीत सिंह उर्फ पंजवड़, भूपिंदर सिंह उर्फ भिंदा, गुरमीत सिंह बग्गा, हरदजीप सिंह निज्जर, परमजीत सिंह पम्मा का आदि का प्रयोग करते थी और अब युवा गैंगस्टरों से अपना काम करवा रही है। पुराने आतंकियों में अब केवल गुरपतवंत सिंह पन्नू ज्यादा सक्रिय है और शेष को आइएसआइ ने साइड लाइन करना शुरू कर दिया है।