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बर्ल्टन पार्क में हर सुबह नेकी का प्रसाद बाटता है शहर का ये शख्स

जालंधर के बर्ल्टन पार्क में योग गुरु दीपक नागी लोगों को फ्री योग सिखाकर उन्हें निरोग बना रहे हैं। यहां रोजाना सुबह लोग जमा होते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 12:44 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 12:44 PM (IST)
बर्ल्टन पार्क में हर सुबह नेकी का प्रसाद बाटता है शहर का ये शख्स
बर्ल्टन पार्क में हर सुबह नेकी का प्रसाद बाटता है शहर का ये शख्स

विनोद शुक्ला, जालंधर। शहर का ब‌र्ल्टन पार्क। समय सुबह सात बजे। खुला आसमान। सर्दी हो या गर्मी। हर रोज स्वास्थ्य के प्रति सजग मतवालों का लगता है जमावड़ा लग जाता है। फिर योगगुरु दीपक नागी बांटते हैं 'नेकी' का प्रसाद। हर तरफ सुनाई देती है 'आओ करें योग, इस शरीर रूपी मंदिर को रखें निरोग' की आवाज। लीजर वैली-2 के पार्क में महिला-पुरुष, छोटे-बड़े सब एक घंटे तक योग की मस्ती में डूब योग करते हैं। उन्हें योग करवाने वाले योग गुरु दीपक नागी का दावा है कि बारह साल से निशुल्क सेवा कर योग व नेचुरोथैरेपी के माध्यम से वह हजारों लोगों को रोगमुक्त बना चुके हैं।

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उनका कहना है कि मेडिकल साइंस में केवल बीमारियों से बचाव की ही दवा है, निरोग रखने की नहीं। योग से हम खुद को निरोग रख सकते हैं। उनके अनुसार शूगर, हाई-लो बीपी, हार्ट, किडनी, थायराइड व जोड़ों में होने वाले दर्द को योग से भगाया जा सकता है। इनका भी रखें ख्याल दीपक नागी ने कहा कि योग करने के साथ ही मनुष्य को दो चीजों का ध्यान भी रखना चाहिए। शरीर में नकारात्मक विचार व दूषित भोजन का प्रवेश नहीं होने देना चाहिए।

मैदे से बनी वस्तुएं तो त्याग देनी चाहिए। यह पाचन तंत्र के पूरे सिस्टम को बाधित कर देता है। इसके अलावा सोच को भी हमेशा पॉजिटिव रखें। घुटन महसूस न करें। चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखने की कोशिश करें। इससे तनाव भी भाग जाएगा। एक्यूप्रेशर थैरेपी की निशुल्क सेवा योग से पहले साढ़े छह से सात व आठ बजे के बाद दीपक नागी विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त मरीजों का एक्यूप्रेशर थैरेपी (औषधिविहीन उपचार पद्धति) के माध्यम से इलाज भी करते हैं। इसके लिए कोई फीस भी नहीं लेते।

निरोग रखने की दवा सिर्फ योग

नागी के अनुसार, अभी तक दुनिया में केवल बीमारियों से बचाव की दवा बनी है। निरोग रखने की कोई दवा नहीं है। यदि हम किसी डॉक्टर के पास जाएं और कहें कि निरोग रखने की दवा चाहिए तो उनका यही कहना होगा कि ऐसी कोई दवा नहीं बनी। योग व व्यायाम से यह यह संभव है। श्वसन प्रणाली दुरुस्त तो बीमारी उड़न छू दीपक नागी का कहना है कि मनुष्य की के सासों में ही निरंकार ईश्वर विराजामान हैं। सासें थम जाने पर यह शरीर मिट्टी के समान हो जाता है।

इसीलिए योग में स्वस्थ शरीर के लिए श्वसन क्रियाओं को बहुत महत्व दिया गया है। यदि श्वसन प्रणाली दुरुस्त है तो शरीर को कोई भी बीमारी छू नहीं सकती है। इससे तनाव व अनिद्रा दूर होते हैं। ब‌र्ल्टन में सैर के लिए तीन पार्क शहर के सबसे बड़े ब‌र्ल्टन पार्क में क्रिकेट व हॉकी ग्राउंड के अलावा सुबह-शाम सैर के लिए विभिन्न सोसायटीज ने तीन पार्क भी विकसित किए हैं। सभी पार्को में तड़के ही चहल-पहल बढ़ जाती है। हर तरफ हरियाली के कारण प्रदूषण का स्तर भी कम रहता है।

इंसान के लिए शरीर से बड़ा कोई मंदिर नहीं है। अनहद (जिसकी कोई हद नहीं है) रूपी ईश्वर हमारे शरीर में विराजमान है। यदि मनुष्य इस मानवरूपी मंदिर के लिए रोजाना एक घटे निकाल लें तो कोई बीमारी उसे छू नहीं सकती। व्याधि से ग्रस्त लोगों की बीमारिया खुद दूर हो जाएंगी।

-दीपक नागी, योग गुरु


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