Move to Jagran APP

आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में फर्जीवाड़ा, अमृतसर में डॉक्टर अपनी ही पत्नी का कर रहा था फर्जी इलाज

Ayushman Bharat Sarbat Health Insurance Scheme पंजाब के अमृतसर जिले के कुछ अस्पतालों में आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना मेें फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक अस्पताल में डाक्टर पत्नी का फर्जी कार्ड बनाकर फर्जी उपचार कर रहा था।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 10:30 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 10:30 AM (IST)
आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में फर्जीवाड़ा, अमृतसर में डॉक्टर अपनी ही पत्नी का कर रहा था फर्जी इलाज
अमृतसर में आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में फर्जीवाड़ा। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, अमृतसर। एक्स सर्विसमेन हेल्थ कंट्रीब्यूट्री हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) घोटाले के बाद अब आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। इस योजना से जोड़े गए कुछ निजी अस्पताल फर्जी मरीज दिखाकर सरकारी खजाने को चपत लगा रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने चार निजी अस्पतालों मीरांकोट स्थित वर्मा अस्पताल, छेहरटा गुरु की वडाली स्थित मनु अरोड़ा अस्पताल, संधू लाइफ केयर व न्यू लाइफ अस्पताल को इस बीमा योजना से अलग कर दिया है।

loksabha election banner

इनमें वर्मा अस्पताल में मरीज नहीं था, लेकिन उपचार चल रहा था। मनु अरोड़ा अस्पताल के संचालक ने अपनी पत्नी का फर्जी कार्ड बनवाकर उसे एडमिट किया था। उसकी पत्नी बीमार नहीं थीं। जब टीम यहां जांच करने पहुंची तो रिकार्ड में पूनम अरोड़ा का नाम देखकर मरीज के बारे में पूछा। टीम को बताया गया कि मरीज को एमआरआइ करवाने भेजा है। टीम ने गहनता से जांच की तो स्पष्ट हुआ कि पूनम अरोड़ा तो अस्पताल के संचालक डा. मनु अरोड़ा की पत्नी हैं।

न्यू लाइफ अस्पताल में सर्जन नहीं था। इसके बावजूद रिकार्ड में मरीज का आपरेशन दर्शाया जा रहा था। वहीं, संधू लाइफ केयर अस्पताल में मरे हुए मरीज को आइसीयू में रखकर उपचार दिखाया जा रहा था। डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. गुरमीत कौर ने बताया कि हायर अथारिटी को इस बारे में जानकारी दे दी है। अथारिटी ही इन अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में सक्षम है। फिलहाल, इनकी योजना से जुड़ी मान्यता समाप्त कर दी गई है। अमृतसर में दस सरकारी एवं 87 निजी अस्पतालों को इस योजना से जोड़ा गया है।

उधर, सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने कहा कि शहर के सभी 87 अस्पतालों की दोबारा जांच करवाई जाएगी। योजना में घोटाला करने वाले अस्पतालों की मान्यता रद होगी। गौरतलब है कि यहां पिछले वर्ष ईसीएचएस घोटाला भी उजागर हुआ था। इसके तहत पूर्व सैनिकों के फर्जी कार्ड तैयार करवाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा था। कई अस्पताल तो मरीज के उपचार के बगैर ही सरकार से क्लेम ले रहे थे। इस मामले में जिला पुलिस ने शहर के 16 डाक्टरों सहित 24 लोगों पर केस दर्ज किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.