न्यू सुप्रीम कार एजेंसी के मालिक ने विदेश भेजने के नाम पर 150 लोगों को ठगा! Jalandhar News
परमजीत कौर ने कहा कि दिनेश अपनी कार एजेंसी की आड़ में लोगों को विदेश भेजने का अवैध धंधा चला रहा है और करीब 150 लोगों से ठगी भी कर चुका है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। बीएमसी चौक के पास स्थित न्यू सुप्रीम कार एजेंसी के मालिक दिनेश चोपड़ा पर लोगों को विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने का आरोप लगा है। यह आरोप उनकी पूर्व महिला कर्मचारी ने ही लगाए हैं।
पुलिस लाइन निवासी परमजीत कौर ने कहा कि कुछ समय पहले तक वे उसी एजेंसी में काम करती थीं। इसी दौरान किसी ठगी के मामले में दिनेश चोपड़ा ने खुद को बचाने के लिए उसके खिलाफ पुलिस में झूठी शिकायत दिलवा दी। परमजीत कौर ने कहा कि दिनेश अपनी कार एजेंसी की आड़ में लोगों को विदेश भेजने का अवैध धंधा चला रहा है और करीब 150 लोगों से ठगी भी कर चुका है। इनमें से कुछ को उसने जाली वीजा दिखा लाखों रुपये ऐंठे हैं और कुछ मामलों में लोगों को अमेरिका भेजने का झांसा देकर दूसरे देश भेज दिया।
परमजीत के साथ आए गांव चक्क कलां निवासी मक्खन सिंह ने बताया कि उसने अमेरिका का वीजा लगवाने के लिए दिनेश चोपड़ा को तीन लाख रुपये दिए थे। दिनेश ने उसे नई दिल्ली भेज दिया और कहा कि वहां पहाड़गंज में एक व्यक्ति उसे टिकट और वीजा दे देगा। वह कई दिन तक पहाड़गंज में घूमता रहा, लेकिन दिनेश द्वारा बताए गए पते पर कोई नहीं मिला। जब वह अपने पैसे वापस मांगने दिनेश के दफ्तर पहुंचा तो उसके साथ गाली-गलौच किया गया।
गांव चक्क कलां के ही एक अन्य व्यक्ति अमरीक लाल ने बताया कि उसने अमेरिका का वीजा लगवाने के लिए आठ लाख रुपये दिए थे। उसे बताया गया कि पहले उसे मैक्सिको भेजेंगे, जहां से अमेरिका का वीजा लगेगा। अमरीक ने बताया कि कई माह बीतने के बाद भी न तो उसे कहीं भेजा गया, ना ही उसका पासपोर्ट व उसके पैसे लौटाए गए। परमजीत कौर ने बताया कि एजेंसी में उसने काम करते हुए देखा कि करीब 150 लोगों के पासपोर्ट वहां फंसे पड़े हैं। दिनेश की नई दिल्ली में फर्जी ट्रैवल एजेंटों के साथ सांठगांठ है, जिनके साथ मिलकर वह हर साल लाखों रुपये की ठगी कर रहा है।
नोट गिन रहे दिनेश ने कहा- दो साल पहले ही आंखों की रोशनी चली गई, ठगी कैसे कर सकता हूं
दिनेश चोपड़ा का पक्ष जाने के लिए जब उनके ऑफिस पहुंचे तो उन्होंने पहले तो किसी तरह की बात का जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। इस के बाद करंसी नोट गिनते हुए उन्होंने कहा कि दो साल पहले ही उनकी आंखों की रोशनी चली गई है। वह किसी के साथ ठगी कैसे कर सकते हैं। इसके बाद मीडिया कर्मियों से बचते हुए वे ऑफिस के अंदर वाले कमरे में चले गए और दरवाजा बंद कर लिया।
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