कभी जिस विभाग के मंत्री थे केपी, उसी के अधीन टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन बने Jalandhar News
केपी लोकसभा चुनाव में जालंधर से टिकट के दावेदार थे और टिकट ना मिलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी छोडऩे तक की घोषणा कर दी थी।
जालंधर, जेएनएन। पूर्व कैबिनेट मंत्री और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मोहिंदर सिंह केपी को पंजाब स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उन्हें कैबिनेट रैंक दिया गया है। केपी एक समय में तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे हैं और यह बोर्ड उन्ही के अधीन आता था। अब वह इसी मंत्रालय के अधीन काम करेंगे। विशेष बात यह है कि वर्तमान तकनीकि शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी केपी के समधी केपी को चेयरमैन बनवाने में उनका अहम योगदान हैं।
केपी लोकसभा चुनाव में जालंधर से टिकट के दावेदार थे और टिकट ना मिलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी छोडऩे तक की घोषणा कर दी थी। तब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें घर जाकर मना लिया था। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में लगातार हार का सामना कर रहे केपी के लिए इसे राजनीतिक तौर से जीवनदान माना जा रहा है। उन्हें चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा पर शुक्रवार सुबह से ही चर्चा बनी हुई थी और शाम तक इसकी नोटिफिकेशन जारी हो गई। केपी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की वर्किंग कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे केपी को साल 2014 में सीट छोड़कर होशियारपुर से चुनाव लडऩे पर मजबूर किया गया था। जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने 2017 का विधानसभा चुनाव आदमपुर से लड़ा था जहां उन्हें हार मिली थी। उन्होंने मई 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के लिए टिकट न मिलने पर पार्टी के प्रति नाराजगी जताई थी और टिकट हासिल करने वाले सांसद चौधरी संतोख सिंह पर सवाल खड़े किए थे। केपी ने चेयरमैन नियुक्त किए जाने पर पंजाब सरकार का आभार जताया और कहा कि पंजाब में तकनीकी शिक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार काम कर रही है। यह बेहद जरूरी है और इस मुहिम को आगे बढ़ाना है।
सांसद चौधरी और विधायक रिंकू से है 36 का आंकड़ा
कभी पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे और केंद्र में बड़ा दखल रखने वाले मोहिंदर सिंह केपी को पिछले कुछ सालों से वनवास काटना पड़ा है। अनुसूचित जाति वर्ग में चौधरी परिवार की पकड़ और युवा नेता सुशील रिंकू का प्रभाव बढऩे से केपी को हाशिए पर जाना पड़ा। रिंकू ने उन्हें वेस्ट हलका छोडऩे पर मजबूर किया तो चौधरी संतोख सिंह के कारण उन्हें शहर छोड़कर होशियारपुर से चुनाव लडऩा पड़ा। लोकसभा चुनाव के समय केपी ने चौधरी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए टिकट न देने की मांग की थी।
इधर, चेयरमैन न बनाने पर अमृत खोसला ने जताई नाराजगी
कांग्रेस भवन में शिकायतें सुनने के लिए रोजाना बैठने वाले सांसद चौधरी संतोख सिंह से वाल्मिकी समाज के नेता अमृत खोसला ने चेयरमैन न बनाने पर सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है। खोसला ने कहा कि कई दशकों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें पार्टी ने कोई सम्मान नहीं दिया। इससे उनके समर्थकों में भी नाराजगी है। खोसला ने सांसद चौधरी से कहा कि वह सरकार से उनके लिए बात करें। अमृत काफी देर से चेयरमैन बनने के लिए लॉबिंग कर रहे थे लेकिन अभी तक उनका नंबर नहीं लगा है। अभी खोसला सांसद के समक्ष ये बातें कर ही रहे थे कि वहां डॉ. राम लाल जस्सी पहुंच गए। डॉ. जस्सी को पंजाब सरकार ने पंजाब शेडयूल्ड कास्ट्स लैंड डवलपमेंट एंड फाइनांस कॉरपोरेशन का वाइस चेयरमैन बनाया है। इसके बाद खोसला व डॉ. जस्सी ने फोटो भी खिंचवाई।
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