Move to Jagran APP

जेब में बचे 120 रुपये कितने दिन चलेंगे, कहकर घर से निकला और फ्लाईओवर से लगा दी छलांग

पुलिस जांच के मुताबिक वीरवार सुबह सात बजे के करीब उन्होंने पत्नी को कहा था कि जेब में सिर्फ 120 रुपये ही बचे हैं यह कितने दिन चलेंगे।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 10:49 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 10:49 AM (IST)
जेब में बचे 120 रुपये कितने दिन चलेंगे, कहकर घर से निकला और फ्लाईओवर से लगा दी छलांग
जेब में बचे 120 रुपये कितने दिन चलेंगे, कहकर घर से निकला और फ्लाईओवर से लगा दी छलांग

जालंधर, जेएनएन। आर्थिक तंगी से परेशान होटल महाराजा रेजीडेंसी के पूर्व संचालक ने फ्लाईओवर से कूद कर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान अमन नगर निवासी अशोक कुमार सेठी (62) पुत्र जोगराज के रूप में हुई है। पुलिस जांच के मुताबिक वीरवार सुबह सात बजे के करीब उन्होंने पत्नी को कहा था कि जेब में सिर्फ 120 रुपये ही बचे हैं, यह कितने दिन चलेंगे।

loksabha election banner

इसके बाद वह घर से अपनी लाल रंग की इंडिका कार में सवार होकर निकल गए। काफी देर तक वह पठानकोट चौक के इर्द-गिर्द ही कार में घूमते रहे। इसके बाद करीब आठ बजे पठानकोट फ्लाईओवर पर खड़ी की और फ्लाईओवर से छलांग लगा दी। सिर के बल सड़क पर गिरने पर के बाद वहां से गुजर रहे पीसीआर कर्मी तुरंत उन्हें पास स्थित कपूर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी एक बेटी है, जिसकी दिल्ली में शादी हुई है । फिलहाल बिजनेस ट्रिप पर वह तुर्की गई हुई है। उसके लौटने पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

दो दिन पहले खोली थी फास्ट फूड की दुकान

एएसआइ किशोर ने बताया कि रेलवे रोड पर स्थित होटल महाराजा रेजीडेंसी को सेठी ने पार्टनरशिप में लीज पर लिया था। करीब एक साल पहले लीज खत्म होने पर सेठी ने दो दिन पहले ही अमन नगर के अमर गार्डन में क्वालिटी फूड नाम से फास्ट फूड की दुकान का उद्धघाटन किया था। पुलिस जांच के मुताबिक पहले से आर्थिक तंगी में चल रहे सेठी ने किसी तरह नया काम तो शुरू कर दिया, लेकिन उसको आगे चलाने के लिए उसके पास बिल्कुल पैसे नहीं बचे थे। इसी कारण वे इन दिनों बेहद परेशान थे।

दस दिन पहले भी की आत्महत्या की कोशिश

थाना आठ के एएसआइ किशोर कुमार ने बताया कि जांच में सामने आया कि मृतक ने करीब दस दिन पहले भी नशीली गोलियां निगल आत्महत्या करने की कोशिश की थी। उनकी पत्नी ने उन्हें निजी अस्पताल में दाखिल कराया था। तब से उनकी पत्नी भी बेहद चिंतित रहती थीं।

परिजनों से अलग-थलग होने का भी था गम

पड़ोसियों के मुताबिक मृतक के घर किसी का भी आना-जाना नहीं था। वह काफी माह से परेशान चल रहा था, लेकिन कभी उनका कोई रिश्तेदार उनका हाल जानने नहीं आया। लोगों के मुताबिक आर्थिक तंगी के साथ उनको अपने रिश्तेदारों से अलग-थलग होने का भी गम खाय जा रहा था, जिस कारण उसका डिप्रेशन भी काफी बढ़ गया था।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.