Move to Jagran APP

27 साल में पहली बार निगम सदन की बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकले अफसर, जानें क्या हुआ

नगर निगम के 27 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि पार्षदों के रवैये के विरोध में अफसरों ने ही मीटिंग का बायकाट कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 10:42 AM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 10:42 AM (IST)
27 साल में पहली बार निगम सदन की बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकले अफसर, जानें क्या हुआ
27 साल में पहली बार निगम सदन की बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकले अफसर, जानें क्या हुआ

जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम के 27 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि पार्षदों के रवैये के विरोध में अफसरों ने ही मीटिंग का बायकाट कर दिया।

loksabha election banner

दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुई नगर निगम की जनरल हाउस मी¨टग में रोड स्वी¨पग प्रोजेक्ट की रिपोर्ट पर विपक्ष द्वारा हंगामा करने व रिपोर्ट को गलत बताने पर मेयर और कांग्रेसी पार्षदों के विवाद के बाद हाउस की सामान्य कार्रवाई चल रही थी। इसी दौरान करीब 4.30 बजे शून्यकाल में कांग्रेसी पार्षद मंदीप जस्सल ने रामामंडी इलाके में बि¨ल्डग ब्रांच द्वारा एक कॉमर्शियल इमारत को सील करने का मामला उठाया। जस्सल ने कहा कि बि¨ल्डग इंस्पेक्टर नीरज शर्मा ने बि¨ल्डग मालिक और एक अन्य पार्षद से बताया कि उस पर बि¨ल्डग सील करने का दबाव डाला जा रहा है। मुझे इसकी जानकारी ही नहीं थी। जस्सल ने कहा कि पहले बि¨ल्डग बन जाती है, फिर दस महीने वहां जिम चलाया जाता है। फिर उसे सील कर दिया जाता है। जस्सल ने कहा कि इंस्पेक्टर से इस मामले में जवाबतलबी की जाए और मेरा नाम बीच में घसीटने के लिए उसे सस्पेंड किया जाए। इसी बीच पार्षद खेरा ने भी जस्सल का समर्थन करते हुए कहा कि इंस्पेक्टर ने उनसे भी कहा था कि जस्सल उस पर बिल्डिंग को सील करने का दबाव बना रहे हैं।

इस मामले में मेयर ने बि¨ल्डग इंस्पेक्टर नीरज का पक्ष जानने के लिए उसे बुलाया। नीरज शर्मा ने जैसे ही मामले में अपना पक्ष रखते हुए उन पर राजनीतिक दबाव होने की बात कहीं, वहां हंगामा हो गया। नीरज शर्मा ने यहां तक कह दिया कि हलका विधायक ने उन पर दबाव बनाया था। हालांकि, मेयर ने इसका खंडन किया और कहा कि उन्हें पता है कि विधायक ने कोई दबाव नहीं बनाया। इतने में कांग्रेसी पार्षद भी अफसरों पर भड़क गए और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।

एटीपी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले में कमिश्नर ने इंस्पेक्टर को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। उसका जवाब लेकर आगे की कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही नाराज होकर सभी अफसर एकसाथ हाउस का बायकाट कर बाहर चले गए। उनके बाहर जाने के बाद मेयर ने कमिश्नर से कहा कि अफसरों के वापस आने के लिए 15 मिनट का समय दिया जा सकता है। लेकिन पार्षद जगदीश गग ने कहा कि समय देने की कोई जरूरत नहीं है, इस मामले में कल बात की जाएगी। मेयर भी इससे सहमत हो गए। वहीं, अन्य पार्षदों ने कहा कि हाउस की बात हाउस में ही होनी चाहिए। इसके बाद तय किया गया कि यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा।

------------------------------

मेयर बोले- हाउस की मर्यादा भंग करने वाले अफसरों ने माफी नहीं मांगी तो वे सभी देंगे इस्तीफा

अफसरों द्वारा हाउस का बायकाट करने पर मेयर गुस्से में दिखे। मेयर ने कहा कि अफसर चले गए तो अच्छा होता कि कमिश्नर भी चले जाते। उन्होंने कहा कि अफसरों ने हाउस की मर्यादा का उल्लंघन किया है। वे कई मामलों में अफसरों का पक्ष भी लेते रहे लेकिन अफसरों ने वीरवार को साबित कर दिया कि वे कार्रवाई के पात्र हैं। मेयर ने कहा कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हाउस में कुछ पार्षदों ने अफसरों को पनिशमेंट ट्रांसफर देने की बात कही। इस पर मेयर ने कहा कि ट्रांसफर से मुश्किलें हल नहीं होंगी। इन्हें इसी शहर में काम करना होगा और हाउस के प्रति जवाबदेही भी निभानी पड़ेगी। मेयर ने कहा कि इस मामले में पूरे हाउस के साथ वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। अफसरों को हाउस में ही माफी मांगनी पड़ेगी। अगर अफसरों ने अपने रवैये के लिए हाउस में आकर माफी नहीं मांगी तो वे सभी मुख्यमंत्री के पास जाकर इस्तीफा सौंप सकते हैं। अफसर बोले- ऐसे माहौल में नहीं होगा काम, हमें कुछ हुआ तो मेयर जिम्मेदार

हाउस के बायकाट के बाद अफसरों ने कमिश्नर से बैठक कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि बैठक में अफसरों-कर्मचारियों को चोर कहकर सरेआम बेइज्जत किया जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अफसरों का पक्ष सुने बिना ही उन्हें विजिलेंस जांच कराने और उनकी नौकरी लेने की धमकी दिया जाना भी गलत है। रोड स्वी¨पग मशीन कांट्रैक्ट में बिना पक्ष सुने ही विजिलेंस को जांच देने और बि¨ल्डग इंस्पेक्टर निर्मलजीत वर्मा को सस्पेंड करना गलत है। अफसरों पर राजनीतिक दबाव बनाने के बाद मुंह मोड़ लिया जाता है। अगर सिफारिश ना सुनो और कानूनी कार्रवाई कर दो तो राजनीतिक लोग रंजिश रख लेते हैं सस्पेंड कराने सहित कई तरह धमकियां दी जाती हैं। हाउस में अफसरों के साथ बदतमीजी की खबरें जब बाहर आती है तो परिवार पर भी असर पड़ता है। ऐसे हालात में अगर किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी को अगर कोई जान-माल का नुकसान होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मेयर और नगर निगम के हाउस की होगी। नाममात्र चर्चा के साथ पारित हो गया एजेंडा

हाउस की बैठक शुरू होते ही मेयर ने तेवर दिखाने शुरू किए। मेयर ने कहा कि बैठक को ज्यादा लंबा नहीं खींचेंगे। शून्यकाल के लिए अलग से जल्द ही बैठक आयोजित की जाएगी। पूरा दिन शून्यकाल ही चलेगा। उन्होंने विपक्ष और सत्ता पक्ष से कहा कि एक-दो पार्षद एक तरफ से और दो-चार पार्षद दूसरी तरफ से बोलें और फिर हाउस के एजेंडे पर चर्चा शुरू करें। आधे घंटे में एजेंडा के 71 प्रस्ताव पारित करने के साथ दो लंबित कर दिए गए। पार्कों की पॉलिसी, अवैध कॉलोनियों को डेक्लेयर करने या 50 माइक्रान से कम के पॉलिथीन के इस्तेमाल को इजाजत देने के प्रस्तावों पर पार्षदों ने अपना पक्ष रखा। पार्को के रखरखाव की पॉलिसी पर बलराज ठाकुर ने कहा कि कम से कम पांच रुपये प्रति गज रेट करने और हर पार्क की मेंटीनेंस के लिए कम से कम चार हजार रुपये तय करने का सुझाव दिया। मेयर ने बलराज ठाकुर के सुझावों को हाउस की कार्रवाई में शामिल करने के निर्देश दिए। हालांकि, पार्षद कालिया ने पॉलिथीन के इस्तेमाल को इजाजत ना देने को कहा, लेकिन मेयर ने इसे ना मानते हुए प्रस्ताव पारित कर दिया। शहर में कचरा प्लांट लगाने के प्रस्ताव को कमेटी बनाकर फैसला करने की शर्त पर पारित करवा दिया। मकानों-दुकानों के बाहर पेंट से यूआईडी लिखने का प्रस्ताव पें¨डग कर दिया गया। इसके अलावा एजेंडे में शामिल प्रस्ताव संख्या 165 को भी पें¨डग कर दिया गया। इसमें 66 केवी की केबल अंडरग्राउंड बिछाने का प्रस्ताव था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.