Move to Jagran APP

गगनेजा हत्याकांडः तीन साल बाद भी पता नहीं चला आखिर किसने की थी संघ नेता की हत्या Jalandhar News

छह अगस्त 2016 को हुए हत्याकांड के बाद दशमेश रेजीमेंट ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इसके बावजूद आज तक यह साफ नहीं कि हत्याकांड का असल मकसद क्या था।

By Edited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 01:44 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 12:35 PM (IST)
गगनेजा हत्याकांडः तीन साल बाद भी पता नहीं चला आखिर किसने की थी संघ नेता की हत्या Jalandhar News
गगनेजा हत्याकांडः तीन साल बाद भी पता नहीं चला आखिर किसने की थी संघ नेता की हत्या Jalandhar News

जालंधर [सुक्रांत]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पंजाब इकाई के प्रमुख जगदीश गगनेजा की हत्या को तीन साल बीत चुके हैं। तीन साल से लगातार जांच चल रही है, तीन बार एनआइए की टीम भी स्पॉट विजिट कर चुकी है। लुधियाना में कुछ लोग गिरफ्तार हुए थे, जिनके बारे में कहा गया था कि गगनेजा हत्याकांड में उनका ही हाथ है। दूसरी ओर तीन साल बाद भी यह नहीं पता चल पाया है कि आखिर जगदीश गगनेजा की हत्या क्यों की गई और किसने करवाई।

loksabha election banner

छह अगस्त, 2016 को हुए हत्याकांड के बाद दशमेश रेजीमेंट ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इसके बावजूद आज तक यह साफ नहीं कि हत्याकांड का असल मकसद क्या था। जालंधर पुलिस से जांच लेकर पहले सीबीआई और फिर सीबीआई से लेकर एनआइए को सौंपी गई थी। इसी के तहत इस साल तीन बार नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम जालंधर में जांच करने आई। टीम ने न सिर्फ घटनास्थल का दौरा किया बल्कि उस रूट को भी देखा था जहां से हत्यारे बाइक सवार गए थे। टीम जगदीश गगनेजा के घर पर भी गई और उनकी पत्नी सुदेश रानी से बातचीत की। उन्होंने उनसे वारदात वाले दिन की पूरी जानकारी ली और उनके बयान भी दर्ज किए थे। इसके बाद इस केस से जुड़े सभी जांच अफसरों से बातचीत की। जिन जांच अफसरों के बदले जाने पर उनकी जगह पर जो नए अफसर आए थे, उनको भी पुलिस लाइन में बुला कर बातचीत की गई। करीब सात घंटे तक एनआइए की टीम ने जालंधर में अलग अलग जगह पर पूछताछ की।

दशमेश रेजीमेंट ने ली थी हत्या की जिम्मेदारी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पंजाब इकाई के प्रमुख जगदीश गगनेजा की हत्या के बाद दशमेश रेजीमेंट नाम के संगठन ने इसकी जिम्मदारी ली थी। संगठन के राजिंदर सिंह जिंदा नाम के सदस्य ने उस वक्त सभी मीडिया हाउस में मेल भेजी थी। पंजाबी में लिखी मेल में कहा गया था कि जगदीश गगनेजा सिख और सिख पंथ विरोधी था। मेल में यह भी कहा गया था कि लुधियाना के शिवसेना नेता दुर्गा प्रसाद गुप्त पर हमला भी उनके संगठन ने ही किया था। इस मामले में पूर्व डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने भी बयान जारी किया था कि गगनेजा हत्याकांड में पूर्व आतंकियों की संलिप्तता है।

नौ एमएम के पिस्तौल और 32 बोर के रिवॉल्वर से चलाई थी गोलियां

जगदीश गगनेजा पर हुए हमले में हमलावरों ने नौ एमएम के पिस्तौल व 32 बोर के रिवॉल्वर से फायर किए थे। करीब तीन गोलियां उनको लगी थीं जिसके बाद हमलावर फरार हो गए थे। जालंधर के पटेल अस्पताल में उनको दाखिल करवाया गया था लेकिन हालत गंभीर होने के चलते उनको लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, जहां कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गई थी। गोलियां चलाने में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलफ) के आतंकी हरदीप सिंह उर्फ शेरा का नाम आया था। शेरा ने छह अगस्त को आरएसएस पंजाब प्रमुख जगदीश गगनेता पर पांच गज की दूरी से फायर किया था। यह दावा पुलिस ने किया था।

यह है मामला

आरएसएस के पंजाब प्रमुख जगदीश गगनेजा को 6 अगस्त 2016 में ज्योति चौक के पास बाइक सवार दो युवकों ने सरेआम गोलियां मार दी थीं। वारदात के वक्त जगदीश गगनेजा अपनी पत्नी सुदेश रानी के साथ खरीदारी करने के लिए आए थे। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। बाद में लुधियाना की पुलिस ने चार लोगों को गगनेजा हत्याकांड में पकड़ा था। संघ नेता गगनेजा गोलीकांड मामले में जालंधर पुलिस ने सुखदेव नगर के रहने वाले शिवसेना नेता अमित अरोड़ा, लुधियाना के जमालपुर के मनी कुमार, लुधियाना के छावनी मोहल्ला के भारती संधू और लुधियाना के अजीत नगर के समर डिसूजा को प्रोडक्शन वारंट पर लिया था। पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि लुधियाना में संघ नेता नरेश कुमार पर हमले के तार गगनेजा के साथ जुड़े होने की आशंका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.