पांच साल के विहान ने आठ मिनट 17 सेकेंड में 195 देशों को पहचाना, एशिया बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज
लिटिल ब्लासम्स स्कूल में यूकेजी के छात्र व करीब साढ़े पांच साल के विहान डोगरा का नाम एशिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हुआ है।
जासं, जालंधर : लिटिल ब्लासम्स स्कूल में यूकेजी के छात्र व करीब साढ़े पांच साल के विहान डोगरा का नाम एशिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हुआ है। विहान ने मानचित्र पर बनी सीमा रेखाओं (आउटलाइन) से सभी देशों के नामों की पहचान की। ऐसा करने वाला वह सबसे कम उम्र की श्रेणी में शामिल हुआ और रिकार्ड अपने नाम किया। विहान ने महज आठ मिनट 17 सेकेंड में विश्व की रूपरेखा व 195 देशों के नामों की पहचान बताकर अपनी स्मरण शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन किया। विहान की ख्वाहिश स्पेस साइंटिस्ट बनने की है। यह प्रतियोगिता 30 नवंबर को एशिया बुक आफ रिकार्ड की तरफ से आनलाइन हुई थी, जिसमें छह पैनलिस्ट की तरफ से विहान से आनलाइन होकर मानचित्र की आउटलाइन दिखाकर देशों के नाम पूछे गए थे। इसका नतीजा दिसंबर के तीसरे सप्ताह में जारी हुआ था।
तीन साल की उम्र से अच्छी स्मरण शक्ति
विहान के पिता रविंदर नगर एक्सटेंशन के रहने वाले सुमित डोगरा फाइजर कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर हैं, जबकि मां किरन कुमारी गृहिणी हैं। वे कहते हैं कि विहान की स्मरण शक्ति बेहतरीन है। तीन साल की उम्र से ही कोई चीज वह देख या सुन ले उसे याद रहती है। फिर चाहे कभी भी उस फोटो या उसके कांसेप्ट के बारे में उससे पूछ लें। यही नहीं उसे केमिस्ट्री विषय के 118 एलिमेंट्स के एटामिक नंबर भी याद हैं।
साइंस और आविष्कारों में विहान की रुचि
अध्यापिका साक्षी का कहना है कि विहान को साइंस और उसके आविष्कारों में बहुत रुचि है। डायरेक्टर वंदना मड़ीया और रुहानी कोहली ने विहान का नाम एशिया बुक आफ रिकार्ड्स में दर्ज होने पर बधाई दी है।