Move to Jagran APP

किसी ने बच्चों की संख्या बढ़ाई तो कोई सौ फीसद रिजल्ट लाया, जानिएं कौन हैं अवार्ड पाने शिक्षक

जालंधर के रविंदर सिंह, लखविंदर सिंह, राजकुमार, हरभजन सिंह मंड और मनिंदर कौर को आज स्टेट अवार्ड दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 10:48 AM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 10:48 AM (IST)
किसी ने बच्चों की संख्या बढ़ाई तो कोई सौ फीसद रिजल्ट लाया, जानिएं कौन हैं अवार्ड पाने शिक्षक
किसी ने बच्चों की संख्या बढ़ाई तो कोई सौ फीसद रिजल्ट लाया, जानिएं कौन हैं अवार्ड पाने शिक्षक

कमल किशोर, जालंधर

loksabha election banner

'जिले के स्कूलों के शिक्षक छात्रों को पढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी बाखूबी निभा रहे हैं। शिक्षकों ने स्कूल की नुहार बदलने के लिए भी भरसक प्रयास किए और स्कूलों को स्मार्ट बनाया।' इन सेवाओं से खुश होकर सरकार ने उन्हें स्टेट अवार्ड से सम्मानित करने का फैसला लिया है। यह पाच शिक्षक हैं- रविंदर सिंह, लखविंदर सिंह, राजकुमार, हरभजन सिंह मंड और मनिंदर कौर। इन शिक्षकों को आज शिक्षक दिवस पर जालंधर में होने वाले प्रदेश स्तरीय टीचर स्टेट अवार्ड समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

इन शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ स्कूल को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने जहा स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की संख्या बढ़ाई, वहीं एनआरआइ की मदद से स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्टर बेहतर कर दिया। इसके साथ ही वह स्कूल के परीक्षा परिणाम में भी आगे रहे। इन शिक्षकों को सामाजिक कायरें के लिए एनजीओ, डीईओ व विभिन्न विभागों से प्रशस्ति पत्र भी मिल चुके हैं।

रविंदर ने स्कूल के सुंदरीकरण पर दिया जोर, मिल चुके हैं 75 अवार्ड

सरकारी प्राइमरी स्कूल से अवार्ड हासिल करने वाले रविदर सिंह ने बताया कि उन्होंने सरकारी प्राइमरी स्कूल, गाव सहम में बतौर शिक्षक करियर की शुरुआत की थी। उस समय स्कूल की हालत खस्ता थी और यहा पशु बंधे होते थे। स्कूल की छत व चारदीवारी का बुरा हाल था। एक दिन भारी बारिश से छत गिर गई। उस समय मन में आया कि स्कूल का सुंदरीकरण करें व इसे स्मार्ट बनाएं। ऐसे में एनआरआइ की सहायता से स्कूल पर 15 से 20 लाख खर्च कर स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाया। इसके अलावा एनआरआइ 50 बच्चे अडॉप्ट भी कर चुके हैं, जो उनकी फीस का खर्च उठा रहे हैं। वह अब तक डीईओ, एनजीओ, डीसी, सेनिटेशन विभाग, जनरल एजुकेशन डायरेक्टर, नेहरु युवा केन्द्र से विभिन उपलब्धियों के लिए करीब 75 प्रशस्ति पत्र भी हासिल कर चुके हैं। इस समय वह गाव उग्गी में एक झुग्गी बनाकर कोड्क्षचग सेंटर चला रहे है, जहा बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया करवा रहे है। 10 साल बाद उनकी ट्रासफर सरकारी प्राइमरी स्कूल चूर में हुई तो यहा भी वही हाल था। यहा भी वही प्रक्त्रिया चलाई और स्कूल को बेहतर बनाया।

दूसरे प्रेरित हों, इसलिए खुद की बेटियां पढ़ाई लखविंदर सिंह ने

सरकारी प्राइमरी स्कूल खानपुर ढड्डा के हेड टीचर लखविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने सरकारी प्राइमरी स्कूल हरीपुर ढड्डा से करियर की शुरुआत की। स्कूल में 12 बच्चे थे। लोगों को अपने बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ाने को प्रेरित करने के लिए अपनी दो बेटियों सिमरनजीत व धनवंत कौर को अपने ही स्कूल में पढ़ाया। वर्ष 2010 में बच्चों की गिनती 63 तक पहुंचा दी। पढ़ो पंजाब के तहत स्कूल का परीक्षा परिणाम 92 प्रतिशत रहा। फिर उनका तबादला सरकारी प्राइमरी स्कूल खानपुर ढड्डा हुआ। उस समय वहा 66 बच्चे थे, जोकि अब 106 हो गए हैं। उन्हें 3 एप्रीसिएशन अवार्ड भी मिल चुके हैं। उन्होने कार्यकाल के दौरान एनआरआइ की मदद से स्कूल में दस लाख रुपये की लागत से स्मार्ट कक्षाएं शुरु कीं।

राजकुमार ने एनआरआइ के सहयोग से बदली नुहार

सरकारी प्राइमरी स्कूल, चीमाकला के राजकुमार ने कहा कि उन्होंने जब सैदोवाल स्कूल ज्वाइन किया था तो वहा विद्यार्थियों की संख्या 22 थी। अब विद्यार्थियों की संख्या 36 हो चुकी है। साल 2010 में चीमाकला स्कूल में बतौर हेड टीचर ट्रासफर हुई। स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए एनआरआई की सहायता से 20 लाख रुपए खर्च कर कायाकल्प किया गया। सामाजिक कार्य करने पर विभिन्न एनजीओ, डीईओ व सरकारी विभाग से 40 से अधिक एप्रीसिएशन पत्र मिल चुके है। मैगजीनों में करीब 60 से भी ज्यादा आर्टिकल छप चुके है। हरभजन मंड को पहले भी मिल चुके हैं कई अवार्ड

स्टेट अवार्ड प्राप्त करने वाले सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मिट्ठू बस्ती के शिक्षक हरभजन सिंह मंड ने बताया कि अवार्ड विद्यार्थियों को ईमानदारी से पढ़ाने पर मिला है। स्कूल का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहा। वर्ष 2001 में पूर्व शिक्षा मंत्री तोता सिंह ने बेस्ट स्कूल परीक्षा परिणाम पर अवार्ड मिला था। इसके अलावा सीटी ग्रुप ने बेस्ट टीचर अवार्ड से नवाजा, साल 2018 मई में मालती ज्ञानपीठ अवार्ड-2018 हासिल किया। साथ ही विभिन्न विभागों से करीब 15 के करीब एप्रीसिएशन अवार्ड भी मिल चुके हैं।

-- मनिंदर कौर लाई सौ फीसद परिणाम

जूनियर मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल मनिंदर कौर ने कहा कि अवार्ड मिलना खुशी की बात है। यह अवार्ड उन्हें स्कूल की बेहतरी के लिए कार्य करने के लिए मिला है। उनके स्कूल का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रहा। साथ ही उन्होंने अपने स्कूल परिसर में विद्यार्थियों के पीने के लिए आरओ सिस्टम लगवाया। उन्हें विभिन्न एनजीओ, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, एजुकेशन विभाग से एप्रीसिएशन अवार्ड मिल चुके है। इसके अलावा उन्होंने एमपी ग्राट व एनआरआइ के सहयोग से स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्टर को बेहतर बनाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.