नवरात्रों में अष्टमी पर घर आई 'कंजक'
नवरात्र की अष्टमी के दिन कंजन पूजन के अवसर पर कुछ घरों में 'कंजक' ने जन्म लिया। परिजनों ने उसका मां जगदंबा का सरूप समझ कर कंजक पूजन के साथ स्वागत किया। सरकारी अस्पताल में पांच कन्याओं ने जन्म लिया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : नवरात्र की अष्टमी के दिन कंजन पूजन के अवसर पर कुछ घरों में 'कंजक' ने जन्म लिया। परिजनों ने उसका मां जगदंबा का सरूप समझ कर कंजक पूजन के साथ स्वागत किया। सरकारी अस्पताल में पांच कन्याओं ने जन्म लिया। जिले में लोगों के दिलों में पुत्र की तरह ही बेटियों के प्रति मोह भी तेजी से बढ़ रहा है। लोगों को इस बात का एहसास हो चुका है कि बेटी भी बेटे से कम नही है। लक्ष्मी स्वरूप मिली पहली संतान
प्रभजोत कौर पत्नी कर्ण निवासी दौलत पुरी ने बुधवार को सिविल अस्पताल में सुशील कन्या को पहली संतान के रूप में जन्म दिया। घर में दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या के जन्म पर खुशी का माहौल है। नवजात कन्या की दादी जीवन पोती के जन्म से ही उसे गोद में लिए अस्पताल में बैठी है। सिजेरियन होने के बावजूद बेटी की खुशी में मां को दर्द महसूस नहीं हो रहा है। दादा जीवन कहता है कि आज के युग में बेटियां बेटों से कम नहीं है। लोगों को लड़के लड़की में भेदभाव मिटाना चाहिए। दूसरी बेटी भी खुशियां लेकर बांटेगी
गांव वडाला के रहने वाले विपिन कुमार की पत्नी संगीता ने सिविल अस्पताल में कंजक को जन्म दिया। पहली बेटी चार साल की है। वह बहुत ही प्यारी है और सभी का भरपूर प्यार ले रही है। दूसरी लड़की ने नवरात्र की अष्टमी के दिन जन्म लिया। घर वाले बोले मां दुर्गा का अपार कृपा होगी। बेटी परिवार के लिए अच्छे दिन लाएगी। 72 साल के बाद परिवार में बेटी जन्मी
जालंधर की गुरप्रीत कौर ¨रपी पत्नी स्व. न¨रदर ¨सह सोनू कहती है कि आज उनके घर सुशील कन्या ने जन्म लिया। मेरी शादी के 18 साल बाद और परिवार में 72 साल बाद कंजक के चरण पड़े। अफसोस है कि बेटी से जन्म से एक माह पहले पिता न¨रदर ¨सह का मां ¨चतपूर्णी जाते समय सड़क हादसे में निधन हो गया था। पूरे परिवार ने लड़की का जन्म होने की मन्नतें मांगी थी। परिवार में 6 भाइयों व चार ताया चाचों की एक ही लाड़ली है।