इस साल लगेंगे कुल पांच सूर्य व चंद्र ग्रहण, देश में नजर आएंगे केवल दो
वर्ष 2019 में तीन सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण पड़ेंगे हालांकि इनमें से केवल दो ही भारत में नजर आएंगे।
जालंधर, [शाम सहगल]। इस विश्व में पांच सूर्य व चन्द्र ग्रहण पड़ेंगे। हालांकि इनमें से केवल दो ग्रहण ही देश में नजर आएंगे। वर्ष का पहला सूर्याग्रहण छह जनवरी को तड़के पांच बजे से लगने जा रहा है पर यह अपने देश में नजर नहीं आएगा। लिहाजा धर्मशास्त्री इस दौरान एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं।
यह है सूर्य व चन्द्र ग्रहण
पंडित एसके शास्त्री बताते है कि भौतिक विज्ञान की दृष्टि से सूर्य व पृथ्वी के बीच में जब चन्द्रमा आ जाता है तो उस समय चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है। इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। इसी तरह चंद्रमा का पृथ्वी की ओट में आ जाना ही चन्द्र ग्रहण होता है। ऐसी स्थिति में सूर्य एक तरफ चंद्रमा दूसरी तरफ व पृथ्वी बीच में होती है। यानी जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है।
वर्ष में लगने वाले सूर्य ग्रहण
प्रथम सूर्य ग्रहण : 6 जनवरी भारतीय समय से तड़के 5.04 से 9.18 बजे तक। यह आंशिक ग्रहण है, जो देश में नहीं दिखेगा।
द्वितीय सूर्य ग्रहण: 2 जुलाई, समय : रात 11.30 से 2.15 बजे तक। यह पूर्ण ग्रहण है जो देश में नहीं दिखेगा।
तृतीय सूर्य ग्रहण : 26 दिसंबर यह सूर्य ग्रहण समय : सुबह 8.16 मिनट से 10.56 बजे तक। यह ग्रहण देश में दिखेगा।
2019 में चन्द्र ग्रहण
प्रथम चंद्र ग्रहण : 21 जनवरी समय : सुबह 9 बजे से दोपहर 12.21 बजे। यह देश में नहीं दिखाई देगा।
द्वितीय चंद्र ग्रहण : 16 जुलाई समय : रात 1.30 से तड़के 4.29 बजे तक। यह आंशिक चंद्र ग्रहण है। देश में नजर आएगा
ग्रहण के दौरान बरतें एहतियात
हरि दर्शन मंदिर, अशोक नगर के पुजारी तथा ज्योतिषाचार्य पंडित प्रमोद शास्त्री के मुताबिक ग्रहण में कई बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। भले ही देश में इसका असर न हो, लेकिन ब्रह्मांड में होने वाली इस घटना के चलते धार्मिक दृष्टि से इससे बचाव की जरूरत है।
- ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।
- ईश्वर का स्मरण करें व दान दें।
- घर में भी बने मंदिरों के कपाट बंद रखें।
- ग्रहण के बाद मंदिर की मूर्तियों को गंगा जल से स्नान करवाएं।
- ग्रहण काल में सुन्दरकाण्ड का पाठ करें।
- जो लोग रोग से पीड़ित हैं वह महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
- बालक, वृद्ध तथा रोगी विश्राम कर सकते हैं।