शहर में स्वाइन फ्लू की दस्तक, रामामंडी में चार साल का बच्चा रिपोर्ट
एक निजी अस्पताल में जालंधर का पहला स्वाइन फ्लू मरीज शनिवार को रिपोर्ट किया गया है। चार साल का यह बच्चा रामामंडी का रहने वाला है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : शहर में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। एक निजी अस्पताल में इलाज करवा रहा पहला मरीज शनिवार को रिपोर्ट किया गया है। चार साल का यह बच्चा रामामंडी का रहने वाला है। वहीं, दूसरी ओर सेहत विभाग के आधे-अधूरे इंतजामों से उसकी मंशा पर ही सवाल खड़ा हो गया है।
दोआबा अस्पताल के डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि वीरवार रात को रामामंडी इलाके से चार साल का बच्चा खांसी और जुकाम की वजह से दाखिल किया गया। जांच पड़ताल में उसे स्वाइन फ्लू होने की आशंका हुई। शुक्रवार को सेहत विभाग को सूचित किया गया। जिला एपीडिमोलॉजिस्ट डॉ. सतीश कुमार व शोभना बंसल की टीम मौके पर पहुंची और सैंपल लेकर जांच के लिए पीजीआइ चंडीगढ़ भेजा गया था। शनिवार शाम को बच्चे को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि की गई। बच्चा वेंटीलेटर पर है उसकी हालत स्थिर है।
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बग्गा ने बताया कि टीम ने मरीजों के संपर्क में आने वाले आधा दर्जन लोगों की एहतियातन दवा शुरू कर दी है। मरीज की हालत स्थिर है। मरीज के परिजनों के मुताबिक लोड़ही पर कपूरथला और पटियाला गए थे। वहां से लौटने के बाद बच्चे की तबीयत खराब हुई थी। उसका पहले डॉ. ललित टंडन के पास इलाज चल रहा था। इस साल अब तक पांच संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए पीजीआई भेजे गए थे उनमें से केवल एक ही मरीज को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई है।
सेहत विभाग की आधी अधूरी तैयारी
सेहत विभाग द्वारा सभी जिलों को पहले ही स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट किया गया था। बावजूद सेहत विभाग जिला व सब डिविजन स्तर पर इंतजाम पूरे करने में पिछड़ा रहा। अधिकारियों ने अस्पतालों में तैयारियों को लेकर दौरा तो किया परंतु नतीजे अधूरे सामने आए हैं। सरकारी अस्पताल में विभाग स्वाइन फ्लू कार्नर बनाने में भी पिछड़ा हुआ है। वहीं आईसोलेशन वार्ड के बाहर केवल बोर्ड लगाए गए हैं परंतु वहां बेड और बाथरूम की दयनीय स्थिति सुधारने में नाकाम रहा है। वार्ड में स्टाफ की तैनाती को लेकर अभी विचार ही चल रहा है।
साल रिपोर्ट मरीज
2017 26
2018 01
सेहत विभाग की हिदायतों के अनुसार जिला अस्पताल, सब डिविजनल अस्पताल तथा सीएचसी स्तर पर एसएमओ को स्वाइन फ्लू को लेकर अलर्ट कर दिया है। उन्हें दवा व सैंपल लेने के लिए वीटीएम मुहैया करवा दिए हैं। उन्हें मरीजों के आईसोलेशन वार्ड बनाने व गंभीर मरीज को तुरंत जिला स्तरीय अस्पताल में पहुंचाने की बात कही गई है। जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए चार वेंटीलेटर की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है।
-डॉ. राजेश कुमार बग्गा, सिविल सर्जन।
स्वाइन फ्लू से बचाव
क्या करें
- खांसी व छींकते समय मुंह व नाक को साफ कपड़े से ढक लें।
- अपने नाक, मुंह व आंखों को छूने के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
- भीड़ वाले इलाके में न जाएं।
- खांसी, नाक का चलना, छींकें तथा बुखार से पीडि़त मरीजों से एक मीटर की दूरी रखें।
- पूरी नींद सोए, शारीरिक तौर पर चुस्त रहो तथा तनाव से प्रभावशाली ढंग से सामना करें।
- पानी का अत्याधिक प्रयोग करे व पौष्टिक आहार लें।
- गर्भवती महिलाएं, 65 साल से अधिक आयु के लोग खास परहेज करें।
- गर्म पानी में नमक डाल कर पीएं।
क्या न करें
- हाथ न मिलाए, गले न मिले, चुंबन व किसी तरह का दूसरों से सपंर्क करें।
- जगह-जगह न थूकें।
- बिना जांच के दवाई न लें।