Move to Jagran APP

वाया चीन टिकट रद करने से एनआरआइज को नुकसान

चीन में कोरोना वायरस फैलने का नुकसान पंजाब के एनआरआइज को उठाना पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 11:27 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:13 AM (IST)
वाया चीन टिकट रद करने से एनआरआइज को नुकसान
वाया चीन टिकट रद करने से एनआरआइज को नुकसान

जागरण संवाददाता, जालंधर : चीन में कोरोना वायरस फैलने का नुकसान पंजाब के एनआरआइज को उठाना पड़ा है। पंजाब से रोजाना भारी संख्या में लोग कनाडा आते जाते हैं। इनमें से वाया चीन काफी फ्लाइट्स के रूट हैं। अब चीन में वायरस फैलने से ज्यादातर कंपनियों ने अपनी चीन की फ्लाइट रद कर दी है। ऐसे में जिन्होंने काफी समय पहले सस्ते दाम पर टिकट बुक करवाई थी उन्हें टिकट कैंसिल करवाकर नई टिकट खरीदनी पड़ रही है। इस तरह उन्हें जहां बुकिंग कैंसिल करने के चार्ज पड़ रहे हैं वहीं डायरेक्ट टिकट लेने के कारण उन्हें काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

loksabha election banner

एनआरआइ मनजीत सिंह कालरा को दिल्ली-कनाडा वाया चीन टिकट रद करवाने से काफी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कनाडा से भारत आते समय आने-जाने की टिकट 764 डॉलर में बुक की थी। उन्होंने 14 फरवरी को लौटना था लेकिन कोरोना वायरस के कारण वाया चीन जाने वाली फ्लाइट रद करवाई और फिर नए रूट की टिकट खरीदी। उन्हें इसके लिए सिर्फ एक तरफ के किराए के रूप में 1384 डॉलर देने पड़े हैं। यही नहीं पहले बुक करवाई टिकट में से भी कुछ पैसे कटे हैं। यही नहीं उन्हें कनाडा पहुंचने में करीब 12 दिन की देरी हो रही है। अब वह 25 फरवरी की फ्लाइट से जा रहे हैं। इस कारण कनाडा में काम का नुकसान भी झेलना पड़ रहा है। इस संबंध में इमीग्रेशन कंसलटेंट गौरव गुप्ता कहते हैं कि कोरोना वायरस से हजारों यात्री प्रभावित हुए हैं। टिकट कैंसिल करवाकर नए रूट से नई टिकट लेने से उन्हें काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। एयरलाइन्स भी टिकटें महंगी कर रही हैं। स्टूडेंट वीजा में भारत को मिलेगा फायदा

इमीग्रेशन कंसलटेंट गौरव गुप्ता कहते हैं कि कोरोना वायरस के कारण स्टूडेंट वीजा में भारत को फायदा मिलेगा। कई देशों ने चीन के विद्यार्थियों को वीजा देने पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। ऐसे में विदेशी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों का फोकस भारत के विद्यार्थियों पर होगा। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में विद्यार्थियों के जाने का सुनहरी मौका रहेगा। इन देशों में सबसे ज्यादा विद्यार्थी चीन और भारत से ही जाते हैं। चीन के विद्यार्थियों के ना जा पाने की स्थिति में बड़े कॉलेज भारत पर निर्भर रहेंगे। बारतीय विद्यार्थियों की संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। वीजा भी आसानी से मिलने की उम्मीद है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.