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नो मोर ड्रैगन डोर: 15 हजार स्टूडेंट्स ने ली शपथ, नहीं करेंगे चाइनीज डोर का इस्तेमाल

।स्कूल के प्रिंसिपल ने असेंबली व कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों को शपथ दिलाई कि वे इस इंसानी खून की प्यासी चाइनीज डोर का इस्तेमाल न करें।

By Sat PaulEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 01:05 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 01:05 PM (IST)
नो मोर ड्रैगन डोर: 15 हजार स्टूडेंट्स ने ली शपथ, नहीं करेंगे चाइनीज डोर का इस्तेमाल
नो मोर ड्रैगन डोर: 15 हजार स्टूडेंट्स ने ली शपथ, नहीं करेंगे चाइनीज डोर का इस्तेमाल

जेएनएन, जालंधर। ड्रैगन डोर इंसानी खून से लाल होती जा रही है। इस खूनी चाइनीज डोर के कारण कई लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं। दैनिक जागरण ने 'नो मोर ड्रैगन डोर' के तहत अभियान चलाकर लोगों को इस खूनी डोर के बारे में जागरूक कर रहा है। इसी कड़ी में शहर के स्कूलों के 15 हजार विद्यार्थियों ने ड्रैगन डोर का इस्तेमाल न करने की शपथ ली। स्कूलों की मार्निंग असेंबली व कक्षाओं में विद्यार्थियों को ड्रैगन डोर इस्तेमाल न करने की शपथ दिलाई।स्कूल के प्रिंसिपल ने असेंबली व कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों को शपथ दिलाई कि वे इस इंसानी खून की प्यासी चाइनीज डोर का इस्तेमाल न करें। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को इस खूनी डोर से होने वाले नुकसान से अवगत करवाया गया। प्रिंसपिलों ने विद्यार्थियों को बताया कि इस डोर से कई बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं। कई जख्मी हो चुके हैं। पक्षियों के लिए भी ये डोर जानलेवा है। इस मौके पर बच्चों ने ड्रैगन डोर का इस्तेमाल न करने की शपथ ली।

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ड्रैगन डोर का इस्तेमाल न करने की शपथ लेते जालंधर मॉडल स्कूल के स्टूडेंट्स।

स्कूलों के प्रिंसिपलों की राय

- कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल किरणजोत कौर ढिल्लों ने दैनिक जागरण की नो मोर, ड्रैगन डोर अवेयरनेस मुहिम की जमकर सराहना की। कहा कि दैनिक जागरण समय समय पर इस खूनी डोर के बारे में जागरूक करता रहा है।

- संस्कृति केएमवी स्कूल की प्रिंसिपल रचना मोंगा ने बताया कि दैनिक जागरण की मुहिम सराहनीय है। आए दिन डोर से होने वाले नुकसान के बारे में समाचार पत्रों में पढऩे को मिल रहा है। लोगों के लिए चाइनीज डोर खौफ बन चुकी है।

- देवी सहाय सनातम धर्म सीनियर सेेकेंडरी स्कूल के ङ्क्षप्रसिपल संजय शर्मा ने बताया कि ड्रैगन डोर से इंसान ही नहीं बल्कि पक्षियों के लिए जान का खौफ है। इस डोर के जाल में फंसकर पक्षी मर रहे हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए।

- पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कुक्कड़ पिंड की प्रिंसिपल अरविंद नागपाल ने बताया कि केवल जागरूकता के माध्यम से ही ड्रैगन डोर के इस्तेमाल करने से रोका जा सकता है। जागरूकता से ही ड्रैगन डोर से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं। जागरूकता के माध्यम से ही ड्रैगन डोर के कहर से बचा जा सकता है।

- जालंधर मॉडल स्कूल की प्रिंसिपल कविता ने बताया कि दैनिक जागरण समय-समय पर जागरूकता मुहिम कार्यक्रम करवाता आया है। ड्रैगन डोर से होने वाले नुकसान के बारे में दैनिक जागरण द्वारा चलाई जा रही नो मोर ड्रैगन डोर मुहिम सराहनीय है।

लोगों को जागरूक करेंगी एसोसिएशन

जानलेवा ड्रैगन डोर के इस्तेमाल के विरोध में शहर की कई एसोसिएशन उतर आईं हैं। एसोसिएशन के सदस्यों ने लोगों को भी इसके लिए जागरूक करने का फैसला लिया। सहदेव मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान अश्वनी मल्होत्रा ने कहा कि ड्रैगन डोर से इंसान ही नहीं, पक्षियों के लिए भी जान का खौफ है। आए दिन घटनाएं हो रही हैं। बच्चे जान तक गवां रहे हैं। प्रतिबंधित होने के बाद भी इसकी बिक्री हो रही है। इस पर नियंत्रण के लिए प्रशासन के साथ-साथ समाज को भी पहल करनी होगी।

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