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एनजीटी की निगरानी के बावजूद पंजाब में जमकर जली पराली, 28,030 मामले आए सामने

पंजाब में एनजीटी की निगरानी के बावजूद पराली जलाने के 28,030 मामले सामने आए हैं। 3,572 मामले माझा में, जबकि 2,564 मामले दोआबा में सामने आए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 04 Nov 2017 09:31 AM (IST)Updated: Sat, 04 Nov 2017 09:31 AM (IST)
एनजीटी की निगरानी के बावजूद पंजाब में जमकर जली पराली, 28,030 मामले आए सामने
एनजीटी की निगरानी के बावजूद पंजाब में जमकर जली पराली, 28,030 मामले आए सामने

जालंधर [कुसुम अग्निहोत्री]। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की निगरानी व सरकारी तंत्र के तमाम प्रयासों के बावजूद पंजाब में किसानों ने धड़ल्ले से पराली जलाई। खुद सीएम का जिला पटियाला के साथ मालवा पराली जलाने में सबसे आगे है। वहीं, दोआबा रीजन ने पराली जलाने के सबसे कम मामलों के साथ क्षेत्र की लाज बचाई है।

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पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के अनुसार इस सीजन में पंजाब में 1 नवंबर तक पराली जलाने के 28,030 दर्ज किए गए हैं। अकेले मालवा रीजन के 14 जिलों से पराली को आग लगाने के 21,894, माझा में 3,572 तथा दोआबा में 2,564 मामले सामने आए।

पराली जलाने का असर भी साफ दिख रहा है। पिछले एक सप्ताह से पूरे पंजाब में धुएं की चादर चढ़ गई है। स्मॉग के कारण दिन भर सूरज ढंग से दिखाई नहीं देता। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को आंखों व सांस की बीमारी की समस्या भी सामने आने लगी है। यह तब है जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सरकार को इस समस्या का उचित निपटारा करने के निर्देश दिए थे। सरकार ने किसानों पर सख्ती के लिए जिला स्तर पर टीमों का गठन किया। इसके बावजूद धड़ल्ले से पराली जलाई गई। किसानों पर प्रसाशनिक कार्रवाई का भी कोई असर होता नहीं दिख रहा।

पराली प्रबंधन न होना सबसे बड़ी समस्या

जब तक पराली का प्रबंधन का उचित निवारण नहीं होगा तब तक यह पंजाब के लिए एक गंभीर समस्या बनी रहेगी। यही कारण है कि पराली से निजात पाने के लिए अधिकतर किसान किसान आग लगाने को ही तरजीह दे रहे हैैं।
-जसबीर सिंह, डायरेक्टर कृषि विभाग।

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नहीं थम रहा पराली को जलाने का सिलसिला

सरकार के प्रयासों के बावजूद पराली को आग लगाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। रोजाना प्रदेश भर से मामले दर्ज हो रहे हैं।
जीएस गिल, पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के अधिकारी।

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किस जिले में पराली जलाने  के कितने मामले सामने आए
जालंधर : 1031
होशियारपुर : 303
कपूरथला : 859
एसबीएस नगर : 371
अमृतसर : 850
गुरदासपुर में 875,
तरनतारन : 1840
पठानकोट : 7
बरनाला : 917
बठिंडा : 2305
फरीदकोट : 1682
फतेहगढ़ साहिब : 986
फाजिल्का : 584
फिरोजपुर : 2311
लुधियाना : 1673
मानसा : 1637
मोगा : 1093
पटियाला : 2879
रूपनगर : 158
संगरूर : 3596
एसएएस नगर : 159
श्री मुक्तसर साहिब : 1914

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