यूक्रेन में फंसा चाहड़के का मंदीप, घरवाले बोले- काउंसिल उपाध्यक्ष के बेटे ने पैसे लेकर नहीं भेजा जर्मनी Jalandhar News
युवक के घरवालों ने भोगपुर काउंसिल की उपाध्यक्ष के बेटे पर पौने चार लाख रुपये लेकर मंदीप को जर्मनी न भेजने का आरोप लगाया है।
संवाद सूत्र, भोगपुर। गांव चाहड़के का मंदीप जून, 2018 में फर्जी एजेंट के माध्यम से यूरोप गया लेकिन यूक्रेन में फंस गया। उसे वहां फंसे एक साल से ज्यादा हो गया है। मामले में उस वक्त नया मोड़ आया जब मंदीप के घरवालों ने भोगपुर काउंसिल की उपाध्यक्ष के बेटे पर पौने चार लाख रुपये लेकर बेटे को जर्मनी न भेजने का आरोप लगा दिया। उधर, उपाध्यक्ष के बेटे मनमीत सिंह विक्की ने आरोपों से पल्ला झाड़ लिया है। उसका दावा है कि उसने पैसे जर्मनी रहते रिश्तेदार को भेज दिए। इसी रिश्तेदार ने मंदीप को जर्मनी लाने की बात कही थी।
मंदीप सिंह के घरवालों ने दावा किया कि यूक्रेन में फंसे हुए बेटे को छह महीने हो गए थे। इसी बीच दिसंबर 2018 में मंदीप का फोन आया कि उसे किसी ने बताया है कि भोगपुर में पार्षद व नगर कौंसिल की उपाध्यक्ष विद्वंत कौर का बेटा मनमीत सिंह विक्की लोगों को यूक्रेन से जर्मनी भेजता है। पिता बलदेव सिंह ने विक्की से बात की तो सौदा तीन लाख 78 हजार रुपये में तय हुआ। बलदेव ने बताया कि उन्होंने विक्की को दो गणमान्य लोगों के सामने 3,78,000 रुपये दिए। उस दिन के बाद से आज तक न तो उसने बेटे को जर्मनी भिजवाया और न ही उसके पैसे लौटाए। अब तो उसने फोन उठाना भी बंद कर दिया है। अब तो विक्की उन्हें चुप रहने की धमकियां दे रहा है। इसी डर उन्होंने आज तक पुलिस में शिकायत नहीं की।
मेरा और मेरी मां का मामले से लेना-देना नहींः विक्की
उधर, इस संबंध में विक्की का कहना है कि उनके यूक्रेन में रहते एक रिश्तेदार की मंदीप के पिता से बात हुई थी। इसके बाद बलदेव ने उसे खुद बुलाकर पैसे दिए। सारे पैसे उसने विदेश रहते अपने रिश्तेदार को भिजवा दिए। इस मामले में मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मैंने तो सिर्फ अपने रिश्तेदार को पैसे भिजवाए हैं। विक्की ने कहा कि इस मामले में मेरा और मेरी मां विद्वंत कौर का कोई लेना-देना नहीं है। बिना वजह उन्हें बदनाम किया जा रहा है।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप