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इनकी आपबीती सुन आप भी रह जाएंगे हैरान... गुप्तांग पर लगाया जाता था करंट, ऐसे होता था अत्याचार

फर्जी नशामुक्ति केंद्र से छुड़ाए गए युवकों ने आपबीती सुनाई। कहा कि केंद्र में मारपीट होती थी। उनके गुप्तांग पर करंट लगाया जाता था और उन्हें पूरा खाना भी नहीं दिया जाता था।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 01:31 PM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 05:24 PM (IST)
इनकी आपबीती सुन आप भी रह जाएंगे हैरान... गुप्तांग पर लगाया जाता था करंट, ऐसे होता था अत्याचार
इनकी आपबीती सुन आप भी रह जाएंगे हैरान... गुप्तांग पर लगाया जाता था करंट, ऐसे होता था अत्याचार

जेएनएन, जालंधर। नशे की लत से छुड़ाने के नाम पर युवाओं के साथ मारपीट और अत्याचार करने वाले गैर कानूनी नशा छुड़ाओ केंद्र का जिला प्रशासन और सेहत विभाग ने पर्दाफाश किया है। नशा छुड़ाओ केंद्र के अंधेरे कमरे से 18 युवकों को छुड़वाया गया। युवकों ने जो आपबीती सुनाई है, उसे पढ़कर आप भी हैरान रह जाएंगे। बंद कमरे से आजाद होने के बाद युवकों ने बताया कि केंद्र के मुलाजिम अक्सर मारपीट करते थे और उनके गुप्तांग पर करंट लगाया जाता था और उन्हें पूरा खाना भी नहीं दिया जाता था।

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घरवालों से वसूले जा रहे थे पैसे, नहीं दिया जाता था मिलने

युवकों ने बताया कि केंद्र में उन्हें बिना दूध और चीनी के काली चाय, रात में चार रोटियां व एक समय पानी की दलिया दिया जाता था। बकरे का मांस न खाने पर तीन-चार दिन के लिए खाना बंद करने की धमकी दी जाती थी। उन्हें नशा छुड़वाने के लिए 15-20 दिन के लिए दाखिल किया गया था, उन्हें यहां तीन से दस माह हो गए, जिसके बावजूद उन्हें नहीं छोड़ा जा रहा। घर वालों से ढेरों पैसे वसूले जा रहे हैं और उन्हें मिलने भी नहीं दिया जा रहा। कमरे में 18 युवक थे और अंदर ही शौचालय-बाथरूम था। वहां भयंकर बंदबू फैली हुई थी।

सूचना मिलने पर की थी रेड

डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. रमन शर्मा ने बताया कि सूचना मिली थी कि गोराया के नजदीकी गांव जजा कलां में एक फर्जी नशा छुड़ाओ केंद्र चलाया जा रहा है। इसके बाद सिविल सर्जन डॉ. गुरिंदर कौर चावला ने जिला प्रशासन के साथ तालमेल कर डॉ. संजय खन्ना, डॉ. जसलीन कौर, तहसीलदार सुरिंदरपाल पन्नू व स्टाफ की टीम गठित की। इसके बाद गांव जजा कलां में इस सेंटर पर रेड की गई। टीम ने देखा कि वहां पर एक छोटे से अंधेरे कमरे में 18 युवकों को बंद कर रखा था, जिन्हें तुरंत वहां से आजाद करवाया गया। उन युवकों से कोई दवा नहीं मिली।

केंद्र से रिवॉल्वर, गाेलियां और कई हथियार मिले

पुलिस को मौके से रिवॉल्वर, गोलियां व तेजधार हथियार भी मिले हैं। टीम ने बताया कि युवकों के शरीर पर चोट के निशान भी पाए गए हैं। छह युवकों का मेडिकल करवाने के लिए बड़ा पिंड सिविल अस्पताल भेजा गया है। इस अवैध सेंटर को गोराया के तहसीलदार सुरिंदर पाल पन्नू की मौजूदगी में सील कर दिया गया है।

आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा

एसएचओ गोराया केवल सिंह ने बताया कि सूचना पाकर वह मौके पर पहुंचे और सीनियर डॉक्टरों के नोटिस में मामला लाया। संचालक मानवदीप सिंह ने मकान किराये पर ले रखा था, जिसमें एक कमरे में उक्त युवकों को ठूंसा गया था और दूसरे में दफ्तर बना रखा था। केंद्र के बाहर केवल एक स्टिकर लगा था, जिस पर नशा मुक्ति गुरमति विद्यालय लिखा था। युवकों के बयान दर्ज किए गए हैं। मानवदीप सिंह ने कोई भी रजिस्टर वाला पेपर नहीं दिया। वहां पर एक नौजवान दाखिल था, जिससे एक पिस्तौल 32 बोर मिला है। इसके अलावा तेजधार हथियार भी मिले हैं। युवक के लाइसेंस की जांच की जा रही है, जांच में कुछ गलत पाया गया तो बनती कार्रवाई की जाएगी।

12 युवकों को मॉडल नशा छुड़ाओ केंद्र में शिफ्ट किया

सिविल सर्जन डॉ. गुरिंदर कौर चावला ने सिविल अस्पताल में चल रहे मॉडल नशा छुड़ाओ केंद्र का दौरा किया। उन्होंने बताया कि 18 में से 12 को जहां शिफ्ट किया गया है। उन्होंने वहां आए युवकों से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया। युवाओं ने खुल कर नशा छुड़ाओ केंद्र की बदहाली के विषय की जानकारी दी। डॉ. चावला ने बताया कि लड़कों के खाने-पीने की व्यवस्था करवा दी गई है।

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