पेट्रोल में पानी की समस्या का हल नहीं, वाहन चालकों को परेशानी के बावजूद झेलना पड़ेगा एथेनाॉल
बरसात पेट्रोल पंप के भूमिगत टैंक में मामूली पानी जाने पर ही पेट्रोल में मिक्स एथेनॉल पानी बन जा रहा है और पानी मिला पेट्रोल जब उपभोक्ताओं के वाहन में डाला जाता है तो वाहन का इंजन भी स्टार्ट नहीं होता है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। बरसात के मौसम में पेट्रोल में मिक्स एथेनॉल के पानी बन जाने की समस्या को लगातार झेलना ही होगा। देश की प्रमुख तेल कंपनियों के पास उपभोक्ताओं एवं पेट्रोल पंप संचालकों की इस परेशानी का फिलहाल कोई हल मजबूत नहीं है। बरसात पेट्रोल पंप के भूमिगत टैंक में मामूली पानी जाने पर ही पेट्रोल में मिक्स एथेनॉल पानी बन जा रहा है और पानी मिला पेट्रोल जब उपभोक्ताओं के वाहन में डाला जाता है तो वाहन का इंजन भी स्टार्ट नहीं होता है।
इसके बाद पेट्रोल पंप के भूमिगत टैंक को साफ करने की प्रक्रिया चालू होती है और इस प्रक्रिया के दौरान पेट्रोल पंप संचालक का लाखों का नुकसान हो जाता है। पेट्रोल टैंक में पड़े सारे पेट्रोल को बाहर निकालना पड़ता है। पानी मिला पेट्रोल खराब हो जाता है। मौजूदा समय में सरकार की हिदायतों के मुताबिक पेट्रोल में 10 फीसद एथेनॉल मिक्स किया जाता है। सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उपभोक्ता पेट्रोल पंप संचालक के ऊपर ही पेट्रोल में पानी मिक्स करने का आरोप लगाकर भारी भरकम हंगामा कर देते हैं, जिससे संबंधित पेट्रोल पंप के बिजनेस पर भी बुरा असर पड़ता है। बुधवार को भी जालंधर में नकोदर रोड स्थित एक पेट्रोल पंप के ऊपर ऐसी घटना हुई और यहां पर भी उपभोक्ताओं की तरफ से पंप संचालक के ऊपर पेट्रोल में पानी मिक्स करने का आरोप लगाया गया।
पेट्रोल पंपों पर लगाए जाएंगे नए उपकरण
तेल कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक अब पेट्रोल पंपों के ऊपर नए उपकरण लगाए जा रहे हैं, जिसमें बरसात के मौसम में मशीन अथवा टैंक में जाने वाले पानी को अलग किया जा सकेगा। हालांकि एथेनॉल को पेट्रोल में मिक्स करने पर रोक लगाने अथवा इसका प्रतिशत घटाना तेल कंपनियों के अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है। हालांकि चर्चा यह भी है कि भविष्य में पेट्रोल में एथेनॉल की मात्रा को बढ़ाया भी जा सकता है।