एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोजेक्ट बंद, बढ़ा कुत्तों का आतंक
नगर निगम के एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोजेक्ट को खत्म हुए एक महीना हो चुका है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम के एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोजेक्ट को खत्म हुए एक महीना हो चुका है। इस कारण शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। रोजाना सिविल अस्पताल में कुत्तों द्वारा काटे जाने के 25 से 30 केस सामने आ रहे हैं। इतने ही केस निजी क्लीनिक में आते हैं।
निगम ने दो साल पहले जब कुत्तों की नसबंदी करने के लिए मुहिम शुरू की थी तो अनुमान लगाया था कि शहर में करीब 25 हजार आवारा कुत्ते हैं और दो साल में 70 प्रतिशत कुत्तों के आपरेशन हो जाएंगे। अब जब दो साल में 19 हजार कुत्तों के आपरेशन कर दिए गए हैं तो रिव्यू सामने आया है कि अभी आधा काम ही हुआ है। दो साल तक काम करने वाले डाक्टरों की टीम का अब अनुमान है कि शहर में 50 हजार से ज्यादा कुत्ते हैं। अब दोबारा इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की तैयारी की जा रही है। निगम करीब पौने दो करोड़ रुपये अब तक इस प्रोजेक्ट पर खर्च कर चुका है। नगर निगम फिलहाल एक साल के लिए कांट्रैक्ट बढ़ाने जा रहा है। पहले नया टेंडर लगाने की तैयारी थी लेकिन अब डाक्टरों की पुरानी टीम को ही ठेका देने की तैयारी है। निगम के डाग कंपाउंड के सुंदरीकरण का प्लान भी बनाया गया है। स्मार्ट सिटी कंपनी नंगलशामा के डाग कंपाउंड में ग्रीन बेल्ट डेवलप करेगी। यहां कुत्तों को रखने की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। इसी महीने दोबारा शुरू होगा प्रोजेक्ट : डा. राजकमल
एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोजेक्ट वर्क के इंचार्ज डा. राजकमल का कहना है कि पुराने कांट्रैक्टर को ही दोबारा ठेका देने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव निगम की फाइनांस एंड कांटैक्ट कमेटी की मीटिग में आएगा और उम्मीद है कि अगले दस दिन में इसे फाइनल कर लेंगे। इसके बाद दोबारा प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा। शहर में कुत्तों की संख्या काफी ज्यादा है और सभी के आपरेशन करने में दो साल लग सकते हैं। नंगलशामा में कुत्तों को रखने का इंतजाम भी बढ़ा रहे हैं ताकि रोजाना ज्यादा से ज्यादा कुत्तों के आपरेशन हो सकें।